ADVERTISEMENTREMOVE AD

दिल्ली के साथ हरियाणा में भी किसानों का प्रदर्शन जारी

मध्य प्रदेश के 1,000 से ज्यादा किसान हरियाणा के पलवल पहुंचे हैं और दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं.

छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज

वीडियो प्रोड्यूसर: माज हसन/शारदा नटराजन

दिल्ली में किसानों के विरोध प्रदर्शन का दूसरा हफ्ता है, बॉर्डर इलाकों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है और दूसरे राज्यों के किसानों को राजधानी में प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा है. मध्य प्रदेश के 1,000 से ज्यादा किसान हरियाणा के पलवल पहुंचे हैं और दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं.

एक प्रदर्शनकारी ने कहा- “हमने शुक्रवार को दिल्ली-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर विरोध शुरू कर दिया है. नए कृषि कानूनों के विरोध में बुंदेलखंड से 500 किसानों का एक समूह भी हमारे साथ आ गया है,”

हाल ही में पारित कृषि कानूनों के खिलाफ सरकार से सवाल करने के लिए ये धरना प्रदर्शन हो रहा है. 

इस ठंड के मौसम में दो दिन और दो रातों से 100 से ज्यादा किसान राजमार्ग पर है. प्रदर्शनकारी राजीव दीक्षित कहते हैं कि “हम किसान हैं. हम खालिस्तानी नहीं हैं. हम पाकिस्तानी नहीं हैं. हम नक्सली नहीं हैं. हमें जाति और धर्म के आधार पर बांटना बंद कीजिए. यह किस प्रकार का कानून है, जहां हम जो कुछ भी पैदा करते हैं, उसे नहीं रख सकते हैं? "

“जब तक इस कानून को वापस नहीं लिया जाता है, तब तक हम यहीं रहेंगे, भले ही इसमें एक या दो साल से ज्यादा का समय लगे.”
किसान, शिवपुरी, मध्य प्रदेश

किसानों के एनएच 19 ब्लॉक करने से पलवल से दिल्ली तक यातायात बाधित रहा. किसानों को उनके ट्रैक्टरों में दिल्ली के रास्ते में पुलिस ने बादल चौक पर रोक दिया. उन्हें हरियाणा की सीमा से बाहर जाने की अनुमति नहीं थी, इसकी वजह से यात्री और हजारों वाहन सबसे ज्यादा प्रभावित हुए.

(सभी 'माई रिपोर्ट' ब्रांडेड स्टोरिज सिटिजन रिपोर्टर द्वारा की जाती है जिसे क्विंट प्रस्तुत करता है. हालांकि, क्विंट प्रकाशन से पहले सभी पक्षों के दावों / आरोपों की जांच करता है. रिपोर्ट और ऊपर व्यक्त विचार सिटिजन रिपोर्टर के निजी विचार हैं. इसमें क्‍व‍िंट की सहमति होना जरूरी नहीं है.)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×