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‘जादू की झप्पी’ या सर्जिकल स्‍ट्राइक से सुधरेंगे भारत-पाक रिश्ते?

सुनिए सरहद पार से इन पाकिस्तानी युवाओं की बात जो बता रहे हैं, कैसे सुधरेंगे भारत-पाक रिश्ते 

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वीडियो एडिटर: राहुल सांपुई

वीडियो एडिटर: नमिता हांडा

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इस साल फरवरी में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा. 14 फरवरी के पुलवामा हमले के बाद दोनों देश हवाई 'डॉगफाइट' में लगे हुए थे. इस दौरान एयरफोर्स पायलट अभिनंदन वर्तमान को पकड़ लिया गया और बाद में रिहा किया गया.

मैंने एक शांतिप्रिय पाकिस्तानी के रूप में पुलवामा हमले की निंदा की. इसे लेकर मेरा लेख क्विंट हिंदी में भी छपा.

जब मैंने My रिपोर्ट डिबेट के दूसरे एडिशन के बारे में पढ़ा, तो डिबेट का सवाल मुझे काफी दिलचस्प लगा. मैं सोचने लगा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को सुधारने का सबसे अच्छा तरीका क्या हो सकता है- एक जादू की झप्पी या सर्जिकल स्ट्राइक?

'झादू की झप्पी' और सर्जिकल स्ट्राइक के बीच चुनना है, तो मैं हमेशा वही विकल्प आजमाऊंगा, जो शांति की बात करता हो. जो लोगों को तोड़े नहीं, जोड़े.

जैसा झेलम की रहने वाली आयशा कहती हैं:

सर्जिकल स्ट्राइक का आइडिया तो फिल्म बनाने या इसे हिट करने के लिए हो सकता है. लेकिन जमीन पर तो जादू की झप्पी ही काम आएगी. भारत-पाक के रिश्ते तो इसी से बेहतर होंगे.
आयशा अली, स्टूडेंट, पाकिस्तान   

वो आगे कहती हैं, कि सर्जिकल स्ट्राइक से  रिश्ते कभी नहीं सुधर सकते. लिखने के लिए या इतिहास के किताबों के लिए तो यह दिलचस्प हो सकता है, लेकिन हकीकत में देखें, तो इससे कभी भला नहीं हुआ है. दुनिया में जहां कहीं भी ऐसा हुआ है, इसने दोनों ओर नुकसान पहुंचाया है.

उनकी ही तरह उबैदुल्लाह भी सोचते हैं:

भारत और पाकिस्तान के मुद्दों को हम हम शांति से सुलझा सकते हैं. शांति के अलावा और कोई चारा नहीं. अतीत में दो देशों की बीच लड़ाइयां हम देख चुके हैं और इससे हुई बर्बादी भी.
उबैदुल्लाह, स्टूडेंट

आप भी वीडियो में सुनिए, देखिए इन पाकिस्तानी युवाओं की बात जो बता रहे हैं, कैसे सुधरेंगे भारत-पाक रिश्ते, झादू की झप्पी से सर्जिकल स्ट्राइक से?

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