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देवघर: किसानों का सवाल- अब कौन खरीदेगा हमारी खराब फसल? 

झारखंड के देवघर में किसानों की समस्या सुनने वाला कोई नहीं

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वीडियो एडिटर: दीप्‍त‍ि रामदास

वीडियो प्रोड्यूसर: आस्था गुलाटी

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झारखंड के देवघर में कुछ किसानों की हालत बेहद खराब है. सारवा प्रखंड के भंडारों पंचायत में टमाटर की खेती कर रहे सैकड़ों किसानों को इन दिनों लाखों रुपए का नुकसान हुआ है. गेहूं की खेती कर रहे किसानों की भी यही समस्या है. गेहूं का खेती भी बर्बाद हो चुकी है.

देवघर में हुए पिछले दिनों की बारिश ने इन किसानों के चेहरे पर मायूसी ला दी है. टमाटर की खेती कर रहे किसानों को सबसे ज्‍यादा नुकसान हुआ है.

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किसान तिवारी प्रसाद वर्मा की मानें, तो उन्‍होंने पूरी पूंजी खेती में लगा दी, लेकिन बारिश से हुए नुकसान ने उन्हें आत्महत्या करने को मजबूर कर दिया है. इन किसानों का कहना है कि रही-सही कसर झारखंड के कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने पूरी कर दी है.

इस क्षेत्र में सैकड़ों किसान ऐसे हैं, जिन्हें इस तरह की समस्या से जूझना पड़ रहा है, लेकिन कृषि मंत्री ने उनके लिए कुछ नहीं किया. किसान कहते हैं, ''कहने को तो रणधीर सिंह झारखंड के कृषि मंत्री हैं, लेकिन किसानों के आंसू देखकर तो आप अंदाजा लगाइए कि क्या उन्‍होंने कुछ किया है? इन किसानों के लिए बीमा राशि का मुआवजा दिलाया है?''

दूसरी सबसे बड़ी बात है कि इस पूरे क्षेत्र में सैकड़ों एकड़ उपजाऊ जमीन है, जिस पर किसान कुछ न कुछ फसल उगाते हैं. इनमें से ज्‍यादातर ने फसल बीमा भी करवाया था, लेकिन किसी भी किसान को आज तक उसका मुआवजा नहीं मिला है.

अधिकतर किसानों ने बैंक से कर्ज ले रखा है, जबकि फसल तो बर्बाद हो चुकी है. ऐसे में महिलाएं भी घर को छोड़कर खेत से बची-खुची फसल को चुनने में लग गई हैं. लेकिन अब इन किसानों को बर्बादी से कौन उबारेगा, इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है.

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