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JNU हिंसा के 2 साल: "हिंसा करने वालों को पता था कि उन्हें कुछ नहीं होगा"

घटना के 2 साल बाद भी कार्रवाई न होने को लेकर साबरमती ढाबे के पास छात्रों ने प्रदर्शन किया.

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5 जनवरी 2022 को JNU में हुए हमले के 2 साल गुजर चुके हैं, जिसमें छात्र और शिक्षक बुरी तरह से घायल हुए थे. घटना के 2 साल बाद भी कार्रवाई न होने को लेकर साबरमती ढाबे के पास छात्रों ने प्रदर्शन किया.

जेएनयू की छात्रा अपेक्षा प्रियदर्शनी का कहना है कि जेएनयू मामले को दो साल बीत गए हैं लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. हर बार जब हम दिल्ली पुलिस के पास मामले को लेकर गए, हमें कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला.

"5 जनवरी (2020) को जो हुआ उसके बाद हमने देखा है कि आतंक, भय और लाचारी का माहौल है. क्योंकि छात्रों पर एबीवीपी के हिंसा के मामले कई गुना बढ़ गए हैं. उनके अंदर ये भावना आ गई है कि उन्हें सजा नहीं मिलेगी, चाहे वो जेएनयू प्रशासन हो जिसने इन गुंडों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किया या फिर दिल्ली पुलिस."
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वहीं जेएनयू के छात्रा लता क्विंट से बताती हैं, कि "जिन लोगों ने हम पर हमला किया उन्हें पूरी तरह बचाया गया. जब वो हम पर हमला कर रहे थे तो उन्हें ये पता था कि उन्हें कुछ नहीं होने वाला है. हमने लोगों को फेसबुक पर पहचाना. ऐसे वीडियो हैं, जो सर्कुलेट हुए लेकिन कुछ नहीं हुआ. और अभी तक ये बात साबित हो गई है उन्हें कुछ नहीं हुआ."

छात्रों का मनाना है कि हमले से पहले छात्र फीस में बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. प्रदर्शनकारी छात्रों के मुताबिक उन्हें चुप कराने के लिए यह  हमला किया गया था.

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