साल 2018 में 16 नवंबर को तमिलनाडु में आए गाजा तूफान ने भारी तबाही मचाई. डेल्टा रीजन में इस तूफान ने धान का कटोरा कहे जाने वाले सबसे ज्यादा उपजाऊ क्षेत्र में तबाही मचाई थी. नागपट्टिनम, तिरुवरुर, तंजावुर, पुदुकोट्टै जैसे जिले में इस तूफान की चपेट में आ कर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस तबाही में कम से कम 65 लोगों ने अपनी जान गंवाई और करीब 2.5 लाख लोग बेघर हो गए. 50 हजार से ज्यादा झोपड़िया तबाह हो गईं. यही नहीं 1.34 लाख बिजली के खंभे उखड़ गए. वहीं 50 लाख से ज्यादा नारियल के पेड़ तहस नहस हो गए
तूफान को आए हुए एक महीने से ज्यादा हो गया है, लेकिन अभी भी लोग अपनी जिंदगी को समान्य करने में लगे हुए हैं. खेती किसानी पर आश्रित लोग गाजा की तुलना 2004 में आई सुनामी से कर रहे हैं. 2018 में आए इस तूफान की कड़वी यादें जेहन से मिटाना तमिलनाडु के लोगों के लिए काफी मुश्किल है.
एक डॉक्यूमेंट्री के तहत मैं इस प्रभावित क्षेत्र में गया. यहां मैंने उस तूफान की तबाही के मंजर को अपने कैमरे में उतारने की कोशिश की, जिसने इस हरी भरी खूबसूरत जगह को तहस नहस कर दिया था.
- 01/09नागपट्टिनम जिले के मजदूर निजी राहतकर्मियों से खाने का सामान लेते हुए फोटो: तमिझ प्रभागरन
- 02/09भारी बारिश के बीच, महिलाओं का एक समूह भोजन इकट्ठा करने की प्रतीक्षा कर रहा है फोटो: तमिझ प्रभागरन
- 03/09सरकारी पेंशन पर आश्रित महिला जिसकी इकलौता झोपड़ी तूफान में तबाह हो गईफोटो: तमिझ प्रभागरन
- 04/09तालाब साफ करते मजदूर फोटो: तमिझ प्रभागरन
- 05/09राममूर्ति नाम का ये शख्स अपनी बेटी की लॉ की किताबें तलाश रहा है. फोटो: तमिझ प्रभागरन
- 06/09माचिस की तीली सुखाता एक शख्स फोटो: तमिझ प्रभागरन
- 07/09सड़क पर खाना पकातीं महिलाएंफोटो: तमिझ प्रभागरन
- 08/09तूफान के 7 दिन बाद पीड़तों के लिए खाने का इंतजाम करते लोग फोटो: तमिझ प्रभागरन
- 09/09तूफान के कहर से तबाह हुआ डीएमके सरकार की तरफ से दिया हुआ टीवी और एआईएडीएमके सरकार की तरफ से दिया हुआ मिक्सर ग्राइंडर. फोटो: तमिझ प्रभागरन
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