मुंबई में मलाड की अंबुजवाड़ी की संकीर्ण गलियां हमेशा व्यस्त रहती हैं. हम 2014 के बाद से स्लम क्षेत्र में कई बच्चों को पढ़ा रहे हैं. कोरोनावायरस महामारी के बाद ऑनलाइन पढ़ाई के तरीके में काफी बदलाव आ गया है.
बहुत सारे छात्र कक्षा 10 में हैं और उनकी बोर्ड परीक्षा दो महीने में होने वाली है. महाराष्ट्र सरकार ने 23 नवंबर 2020 से कक्षा 9 से 12 के लिए स्कूलों को फिर से खोलने की अनुमति दी, लेकिन बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने अभी भी स्कूलों को मुंबई में फिर से खोलने की अनुमति नहीं दी है. निजी स्कूलों में दाखिला लेते समय, ये छात्र उन लोगों की बराबरी नहीं कर पाएंगे, जिनके पास मोबाइल फोन या लैपटॉप जैसे संसाधन हैं, या जिनके स्कूल पहले ही खुल चुके हैं.
मेरे परिवार में, चार भाई-बहन एक ही फोन का इस्तेमाल करके पढ़ाई करते हैं, जिसके लिए बहुत ज्यादा डेटा और बैटरी की जरूरत होती है. इस वजह से लॉकडाउन के दौरान दो फोन खराब हो गए ... इससे हमें काफी पैसा खर्च करना पड़ा.ऋतिक, कक्षा 10 के छात्र
अंबुजवाडी के छात्रों को लगता है कि वे परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे और वो उम्मीद कर रहे हैं कि उन्हें स्थगित कर दिया जाए ताकि वे बेहतर प्रदर्शन कर सकें.
कई कॉन्सेप्ट ऑनलाइन सिखाए गए थे, इसलिए मुझे यकीन नहीं है कि मैं परीक्षा में सही ढंग से कोशिश कर पाऊंगा. मुझे लगता है कि ये एक असमानता है, क्योंकि अन्य सभी जिलों के स्कूल खुल गए हैं जबकि हमारी कक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की जाती हैं, और दोनों प्रकार के छात्र एसएससी बोर्ड के लिए एक साथ बैठेंगे.सचिन जे, कक्षा 10 के छात्र
अधिकांश छात्रों का कहना है कि जो कुछ भी पढ़ाया जा रहा है उसे ध्यान में रखने के लिए क्लासरूम शिक्षा बेहतर होती है.
(सभी 'माई रिपोर्ट' ब्रांडेड स्टोरिज सिटिजन रिपोर्टर द्वारा की जाती है जिसे क्विंट प्रस्तुत करता है. हालांकि, क्विंट प्रकाशन से पहले सभी पक्षों के दावों / आरोपों की जांच करता है. रिपोर्ट और ऊपर व्यक्त विचार सिटिजन रिपोर्टर के निजी विचार हैं. इसमें क्विंट की सहमति होना जरूरी नहीं है.)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)