मेरे पास न तो हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट की डिग्री है और न ही मैंने कभी इस इंडस्ट्री में काम किया है. लेकिन एक बात मुझे निश्चित रूप से पता है कि अच्छा खाने के साथ अगर अच्छी सर्विस देंगे तो लंबे समय तक कस्टमर के दिलों पर राज करेंगे. मुंबई के चर्चगेट स्थित ''पिज्जा बाई द बे'' में 29 दिसंबर 2018 को मेरे साथ जो हुआ, उस अनुभव को शेयर करना मुझे जरूरी लगता है. अगर खाना खराब होता तो मैं इग्नोर भी कर देती, लेकिन जब इस शानदार रेस्टोरेंट में मेरे और मेरे दोस्त के साथ बदतमीजी की गई तो हमने इसके खिलाफ आवाज उठाने का फैसला किया. उस दिन जो हुआ वह मैं यहां पर बयां कर रही हूं.
दिसंबर महीने में रात के समय में ओपन रेस्टोरेंट में जाना सबसे बेहतर रहता है, ऐसे में हमने शहर के सबसे फेमस रेस्टोरेंट Pizza by the Bay (PBTB) में जाने का फैसला किया. रात के करीब 10 बजे अपने एक दोस्त के साथ मैं वहां पहुंची और हम लोगों ने लॉन्ग आइसलैंड टी, व्हिस्की, गार्लिक ब्रेड और एक पिज्जा ऑर्डर किया.
सबसे पहले हमें लॉन्ग आइसलैंड टी (जिसकी कीमत पीबीटीबी में 750 रुपये है) छोटे ग्लास में परोसा गया. तीन चौथाई ग्लास आइस से ही भरा था. हमने मैनेजर गेविन वेज को बुलाया और विनम्रता से कहा कि ड्रिंक सही ग्लास में नहीं परोसा गया है, इसे बड़े ग्लास में परोसा जाए.
मैनेजर ने कड़क आवाज में कहा-‘यही हमारा स्टैंडर्ड है, पता नहीं आपको क्या चाहिए.’ हमने उसे बताया कि हम लोगों यहां काफी लंबे समय से आते हैं और हमें पता है कि आइसलैंड टी कितना बड़ा ग्लास में दिया जाता है. लेकिन उसने फिर से उसी लहजे में कहा, ‘और कुछ चाहिए तो बोलो, ये तो हम ऐसे ही देते हैं.’
जब हमने उससे बोला कि आपके बात करने का सही तरीका नहीं है. इस पर उसने कहा, ‘आप मुझे मत सिखाओ की मुझे कैसे कस्टमर से कैसे बात करना है या क्या काम करना है.’ जब बहस काफी होने लगी तो मैंने अपने दोस्त से कहा कि हमें यहां से चलना चाहिए, क्योंकि इन्हें अपने कस्टमर से बात करने की तमीज ही नहीं है. जब मिस्टर वेज (मैनेजर) ने ये बात सुनी तो उसने चिल्लाते हुए कहा, ‘हां गेट आउट, मेरे रेस्टोरेंट से बाहर निकलो.’
मैनेजर ने 80 अन्य लोगों के सामने हमारा अपमान किया और हमसे बदतमीजी से बात की. ड्रिंक की वजह से हम कम नाराज थे, लेकिन मैनेजर के बिहेवियर की वजह से मुझे काफी गुस्सा आ गया. इसलिए हम लोगों ने फैसला किया कि अब यहां से नहीं जाएंगे.
हमने जाने से इनकार कर दिया और जब हमने उससे कहा कि वह अपने गेस्ट को यहां से ऐसे जाने के लिए नहीं बोल सकता. इस पर वह फिर से चिल्लाया और बोला "मुझे यह तय करने का अधिकार है कि मेरे रेस्टोरेंट में कौन बैठेगा." उसने हम लोगों को बाहर निकालने के लिए सिक्योरिटी को बुलाया. हमने उससे कहा कि हम यहां के रेगुलर कस्टमर हैं और काफी लंबे समय से आते हैं. लेकिन उसने इन बातों की बिल्कुल भी परवाह नहीं की. हम रेस्टोरेंट के बाहर आधे घंटे तक इस इंतजार में बैठे रहे कि वह अपनी गलती के लिए आकर माफी मांगेगा. रात 11.15 बजे वह बाहर निकला और हमें देखकर निकलने लगा. जब हमने कहा कि आप अपने बिहेवियर के लिए माफी मांगे. तो उसने कहा, माफी? किस बात के लिए?
हमें लगा कि उस मैनेजर को एक घंटे में अपनी गलती का एहसास हो गया होगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. जब हमने कहा कि 1967 से शानदार सर्विस देने वाले इस रेस्टोरेंट की प्रतिष्ठा का आपको कुछ ख्याल है. उसने कहा, ‘आपको जो करना है, कर लो, मैं किसी से नहीं डरता.’ जब मैंने फोन निकालकर सारे वाकये का रिकॉर्डिंग करना शुरू किया, वह डर कर वहां से अंदर भाग गया.
करीब दो घंटे बाद, उस रेस्टोरेंट का असिस्टेंट मैनेजर कुणाल हम लोगों से आकर मिला और बनावटी अंदाज में बोला, “मैं मिस्टर वेज की ओर से माफी मांगता हूं, मैं अभी उनके साथ बात नहीं कर सकता, लेकिन मैं कल उनके साथ इस घटना पर बात करूंगा.” कुणाल के जाने के बाद रेस्टोरेंट का एक वेटर बाहर आया और उसने कहा, ‘मैं सालों से आपको यहां आते हुए देखता हूं और आज जो कुछ भी हुआ उसके लिए मैं माफी मांगता हूं.’
अब यहां पर रुकने का कोई मतलब नहीं था, ऐसे में हम लोगों ने वहां से निकलने का फैसला किया. रात के 11.50 बजे मैंने अपने इसे बुरे एक्सपेरिएंस को ट्विटर, फेसबुक, जोमैटो और ट्रिप एडवाइजर पर शेयर किया.
क्विंट ने इस मामले में पीबीटीबी रेस्टोरेंट से उसकी प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की.
इसके जवाब में पीबीटीबी रेस्टोरेंट ने इस घटना के लिए खेद जताते हुए माफी मांगी.
(सभी माई रिपोर्ट सिटिजन जर्नलिस्टों द्वारा भेजी गई रिपोर्ट है. द क्विंट प्रकाशन से पहले सभी पक्षों के दावों / आरोपों की जांच करता है, लेकिन रिपोर्ट और इस लेख में व्यक्त किए गए विचार संबंधित सिटिजन जर्नलिस्ट के हैं, क्विंट न तो इसका समर्थन करता है, न ही इसके लिए जिम्मेदार है.)
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