देश की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में से एक डीयू के छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि उन्हें जीरो नंबर दिए गए हैं. उनका कहना है कि उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है और उनसे 1000 रूपए री-इवैल्युएशन के लिए मांगे जा रहे हैं.
दरअसल, दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग ने बी.कॉम के समेस्टर एग्जाम में छात्रों को 'जीरो' नंबर दिया है. जिसके विरोध में यूनिवर्सिटी के कई छात्रों ने मंगलवार, 30 अगस्त को प्रोटेस्ट कर पुर्नमूल्यांकन की मांग की.
तीसरे वर्ष के छात्र भूषण का मैनेजमेंट एकाउंटिंग में जीरो नंबर है. भूषण कहते हैं, "इतनी अच्छी तैयारी के बाद भी जीरो नंबर दिया गया है, यूनिवर्सिटी से सवाल करने पर री-इवैल्युएशन फॉर्म भरने के लिए बोल रहे हैं, जिसकी फीस 1000 रुपये हैं."
'हम पुनर्मूल्यांकन के लिए पैसे क्यों दें?'
यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से छात्रों को पुनर्मूल्यांकन फॉर्म भरने करने के लिए कहा जा रहा है लेकिन छात्रों का कहना है कि गलती यूनिवर्सिटी की है, तो हम पुनर्मूल्यांकन के लिए पैसे क्यों दें ?
"मैं गरीब परिवार से आता हूं, मैं 1000 रुपये कहां से दूं ? हमनें पेपर की फीस दी, बुक्स की फीस दी लेकिन बुक्स मिला भी नहीं."पुष्पेंद्र, थर्ड ईयर स्टूडेंट, दिल्ली यूनिवर्सिटी
'यूनिवर्सिटी हमारा भविष्य खराब कर रही है'
छात्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी का ये रवैया हमारा भविष्य खराब कर रहा है. भूषण कहते हैं, "अगर इस रिजल्ट का कोई हल नहीं निकलता है, तो हमारा एक साल बर्बाद हो जाएगा. इस साल हम जो करना चाह रहे थे नहीं कर पाएंगे"
थर्ड ईयर के स्टूडेंट केशव की को आगे की पढ़ाई की चिंता हो रही है...
यूनिवर्सिटी कह रही है कि रीइवैल्युएशन का रिजल्ट 3-4 महीने बाद आएगी लेकिन सितंबर में मास्टर डिग्री के लिए एडमिशन बंद हो जाएगा. अगर 10-15 दिनों में रिजल्ट जारी नहीं करते हैं तो फिर इसका कोई फायदा नहीं है.केशव, थर्ड ईयर स्टूडेंट, दिल्ली यूनिवर्सिटी
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