वीडियो एडिटर: दीप्ति रामदास
हम लगभग दो हफ्तों से एक जहाज पर हैं. जब से ईरान में कोरोनावायरस फैला है. हमारा 11 महीने का कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो चुका है लेकिन भारत के लिए कोई फ्लाइट नहीं है. 4 अप्रैल को हमारी फ्लाइट नई दिल्ली के लिए बुक है, हम उससे पहले किसी और फ्लाइट में नहीं बैठ सकते. यहां बहुत दिक्कतें आ रही हैं.
हमें बताया गया था कि हमें किसी होटल में ले जाया जायेगा लेकिन उन्होंने हमें जहाज पर रखा है. यहां किसी भी तरह कि सुविधा नहीं है, न खाना, न ही पानी. हम सभी पैसा इक्कठा करते हैं और खाना लाते हैं. हमारे पास सेफ्टी गियर नहीं है. हमें मास्क और सेनेटाइजर लाने के लिए बाहर जाना पड़ रहा है, हमें ये भी नहीं पता कि लेबल पर लिखा क्या है.
हमें यहां की स्थानीय भाषा नहीं आती. यहां के स्थानीय अंग्रेजी नहीं बोलते हैं, हम उनसे बात कैसे करें?
सब्जी खरीदने हम खुर्रमशहर जाते हैं. इससे पहले बाजार काफी भरा होता था, लेकिन कोरोनावायरस की वजह से अब भीड़ कम है, पूरा बाजार बंद है लेकिन कुछ दुकानें हैं, जो चल रही हैं.
हर कोई डरा हुआ है, अपने घर में बंद है, हम यहां कैसे रहें?
हमारे जैसे यहां और भी कई लोग खुर्रमशहर, बंदर अब्बास, किश आइलैंड में हैं, वो भी किसी तरह से दिन गुजार रहे हैं और यहां जहाज पर रह रहे हैं. ईरान में करीब 800 भारतीय हैं जो यहां फंसे हुए हैं, हम सभी भारत लौटना चाहते हैं, हम कोरोनावायरस से इन्फेक्टेड नहीं हैं, हमारा टेस्ट करा के हमें जल्द से जल्द भारत ले जाया जाए.
(सभी 'माई रिपोर्ट' ब्रांडेड स्टोरिज सिटिजन रिपोर्टर द्वारा की जाती है जिसे क्विंट प्रस्तुत करता है. हालांकि, क्विंट प्रकाशन से पहले सभी पक्षों के दावों / आरोपों की जांच करता है. रिपोर्ट और ऊपर व्यक्त विचार सिटिजन रिपोर्टर के निजी विचार हैं. इसमें क्विंट की सहमति होना जरूरी नहीं है.)
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