वीडियो एडिटर: राहुल सांपुई
वीडियो प्रोड्यूसर: माज हसन
स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में पटना सबसे निचले स्थान पर रहा, यानी देश का सबसे गंदा शहर. ये सर्वे 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहर में मिनिस्ट्री ऑफ़ अर्बन अफेयर कराती है, जिसमें पहले स्थान पर लगातार चौथी बार मध्य प्रदेश का इंदौर रहा.
ये स्वच्छ सर्वेक्षण का 5वां साल था जो देश के 4,242 शहरों में कंडक्ट कराया गया जिसमें करीब 1.9 करोड़ लोगों ने हिस्सा लिया.
पटना शहर को गंदा क्या बनाता है?
सैनिटाइजेशन, साफ-सफाई और वेस्ट मैनेजमेंट जैसे मानकों पर ये सर्वे किया जाता है जिसमें बिहार का पटना फिसड्डी निकला. जो पटना में पले बढ़े हैं, उनके लिए ये आश्चर्य की बात नहीं है कि शहर सबसे निचले स्थान पर रहा.
आप बस शहर में घूम लीजिए सड़कों पर गड्ढे, जगह-जगह कचरा दिख जाएगा. शहर को साफ रखने को लेकर, उसके हाइजिन और सेनीटाइजेशन को लेकर सरकार की कई मुहिमों के बावजूद यहां सफाई दिखती नहीं है.
शहर के बीचों-बीच 3 किलोमीटर लम्बा खुला ड्रेन
गाय घाट से मोईन-उल-हक स्टेडियम तक 3 किलोमीटर लंबा खुला हुआ ड्रैनेज है. कई लोगों का कहना है कि ये ड्रेनेज पिछले 10 साल से खुला ही पड़ा है. इस खुले हुए ड्रैनेज के कारण कई एक्सीडेंट भी हुए हैं.
सड़क किनारे कूड़ा दिखना आम
आप पटना में कहीं भी जाइए आपको कचरे का ढेर नजर आ ही जाएगा, ऐसा ही एक ढेर आपको ओल्ड अजीमाबाद कॉलोनी के पास डेरी बूथ के करीब भी मिल जाएगा.
पिछले 4 साल से सफाई के मामले में पटना का प्रदर्शन खराब रहा है. सिर्फ सरकार ही नहीं लेकिन लोगों को शहर को साफ़ करने के लिए और साफ़ रखने के लिए कदम उठाने होंगे, हमारी आवाज प्रशासन तक पहुंचनी चाहिए ताकि वो आपना काम जिम्मेदारी से करें.
स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 ने कई लोगों की आंखे खोल दी है. इससे सेनीटाईजेशन और हाईजीन पर लोगों का ध्यान जाएगा और थोडा स्पर्धा की भावना आयेगी.
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