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Uttarakhand Forest Inspector Exam Result Cancelled:'हम ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं'

मैं चयनित उम्मीदवार हूं. सामान्य (महिला) वर्ग में मेरी रैंक पांचवीं है, हमारे जीवन के तीन साल बर्बाद हो गए हैं.

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वीडियो प्रोड्यूसर: माज हसन 

वीडियो एडिटर: पूर्णेंदु प्रीतम 

30 दिसंबर को उत्तराखंड सबऑर्डिनेट सर्विस सेलेक्शन कमीशन (UKSSSC) ने पेपर लीक के आरोपों के बाद फॉरेस्ट इंस्पेक्टर एग्जाम रिजल्ट को रद्द कर दिया. अभ्यर्थी पारिसी थपलियाल ने क्विंट से बात करते हुए कहा कि मैं वन-दरोगा में सेलेक्टेड कैंडिडेट हूं. जनरल वीमेन में मेरा पांचवा रैंक है. इस एग्जाम का नोटिफिकेशन दिसंबर 2019 में जारी किया गया था, जिसकी परीक्षा जुलाई 2021 में करवाई गई थी.

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इस एग्जाम का रिजल्ट जनवरी 2022 में आया और जून की गर्मी में 620 बच्चों को फिजिकल के लिए बुलाया गया.
मैं चयनित उम्मीदवार हूं. सामान्य (महिला) वर्ग में मेरी रैंक पांचवीं है, हमारे जीवन के तीन साल बर्बाद हो गए हैं.

देहरादून में रद्द परीक्षा का विरोध करती महिला अभ्यर्थी

(फोटो- द क्विंट)

30 दिसंबर को जब हम लोग ज्वाइनिंग का इंतजार कर रहे थे, तो पता चला कि UKSSSC ने हमारा एग्जाम ही निरस्त कर दिया है. इस पूरे प्रकरण में हमारे तीन से ज्यादा साल बर्बाद हो चुके हैं. मैं 2019 में ग्रेजुएट हुई थी, मुझे लगा कि मैं वन-दरोगा मे सेलेक्ट हो गई हूं तो उसी हिसाब में मैंने अपने ऑप्शन चुने थे. लेकिन अब तीन साल से ज्यादा वक्त बीतने के बाद पता चलता है कि भर्ती परीक्षा निरस्त कर दी गई है, तो अब हमारे पास क्या विकल्प रह गया है.
पारिसी थपलियाल, अभ्यर्थी

अभ्यर्थी ने आगे कहा कि हमारे ही साथ के बहुत सारे बच्चे ऐसे हैं, जो 31-32 साल के हो गए हैं, उनकी एग्जाम देने की लास्ट डेट भी निकल चुकी है और वो लोग इकलौते हैं, जो अपने घर-परिवार में कमाने वाले हैं. इसकी जिम्मेदारी अब कौन लेगा, अब कौन उनके घर का खर्च उठाएगा? या कौन उनके भविष्य की गारंटी लेगा या कौन उनके साल वापस लेकर आएगा.

मैं चयनित उम्मीदवार हूं. सामान्य (महिला) वर्ग में मेरी रैंक पांचवीं है, हमारे जीवन के तीन साल बर्बाद हो गए हैं.

योग्य उम्मीदवारों ने 2 जनवरी 2023 को देहरादून में एक विरोध रैली की

(फोटो- द क्विंट)

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बहुत सारे एग्जाम UKSSSC के जरिए करवाए गए थे, जिनमे धांधली पाई गई थी लेकिन हमारा एग्जाम उनमें से इकलौता है, जो ऑनलाइन माध्यम से करवाया गया था, जिसमें अगर धांधली हुई भी है तो वो सेग्रिगेशन से आसानी से संभव भी हो सकती है. यूपी एसआई का उदाहरण हमारे पास है, जहां एनएसईआईटी वही कंपनी जिसने वन-दरोगा का एग्जाम करवाया था...वहां पर भी सेग्रिगेशन हुआ है.   
पारिसी थपलियाल, अभ्यर्थी

पारिसी ने आगे कहा कि हमारा कहना यही है कि अगर सेग्रिगेशन और राज्यों में मुमकिन है तो हमारे राज्य में यह क्यों संभव नहीं है. सरकार से मेरी एक ही गुजारिश है कि हमारे साथ जो भी अन्याय किया गया है, उनको इंसाफ दिया जाए और जो भी फैसला लिया गया है उस पर पुनर्विचार करके हमें नियुक्ति दी जाए.

मैं चयनित उम्मीदवार हूं. सामान्य (महिला) वर्ग में मेरी रैंक पांचवीं है, हमारे जीवन के तीन साल बर्बाद हो गए हैं.

यूकेएसएसएससी द्वारा परीक्षा रद्द करने के लिए लिए गए निर्णय से योग्य उम्मीदवार नाखुश हैं.

(फोटो- द क्विंट)

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