महाराष्ट्र (Maharashtra) के औरंगाबाद (Aurangabad) और उस्मानाबाद (Osmanabad) का नाम बदल दिया गया है. उस्मानाबाद का नाम धाराशिव रखा गया है और औरंगाबाद का नाम छत्रपति संभाजीनगर (Chhatrapati Sambhaji Nagar) नाम रखा गया है. नाम बदलने के खिलाफ अब एआईएमआईएम (AIMIM) ने अपना आंदोलन शुरू कर दिया है.
पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया है. उनका मानना है कि सभी आम लोग औरंगाबाद नाम चाहते हैं.
एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष इम्तियाज जलील ने कहा कि, "हम इस नाम के साथ तब से रहते हैं जब हम यहां पैदा हुए थे. नाम का इतिहास है और इसे मिटाया नहीं जाना चाहिए."
उन्होंने आगे कहा कि, "नए नाम के खिलाफ श्रृंखलाबद्ध भूख हड़ताल की जाएगी. यह आंदोलन कितने दिन, कितने हफ्ते और कितने महीने या सालों तक चलेगा यह हम नहीं बता सकते. आज तक सरकार ने कई फैसले आम जनता पर थोपे हैं, आंदोलन में हमारी भूमिका ऐसे फैसलों को दोबारा होने से रोकने की है."
जलील ने आगे ये चेतावनी देते हुए कहा कि, "अगर लोग सड़कों पर उतरे तो उन्हें भी अपने फैसले बदलने पड़ सकते हैं."
उन्होंने कहा कि, "हम विरोध करते हुए राजनीति नहीं कर रहे हैं. अगर एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले वास्तव में विरोध करना चाहती हैं, तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा देकर हमारे साथ आकर विरोध करना चाहिए."
लोकसभा में उठे सबसे ज्यादा सवाल
सांसद इम्तियाज जलील ने कहा कि, औरंगाबाद के इतिहास में किसी सांसद ने इतने सवाल नहीं उठाए, जितने की मैंने उठाए हैं. अगर किसी को इस पर संदेह है तो वह अज्ञानी है.
उन्होंने बताया कि, इस बात के लिए हमेशा आलोचना की गई कि नाम परिवर्तन को लेकर कभी भी लोकसभा में कोई आपत्ति नहीं उठाई या सवाल नहीं उठाया गया है. लेकिन हमने समय-समय पर इस बारे में बात की है और चूंकि सत्र 13 मार्च से शुरू हो रहा है, इसलिए हम निश्चित रूप से लोकसभा में एक बार फिर सवाल उठाएंगे.
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