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UP: आरिफ से बिछड़ा सारस मिला,अखिलेश का BJP पर कमेंट- शायद नफरत कुछ कम हो जाए..

Akhilesh Yadav ने कह कि, "सरकार को क्या सूझा कि सारस को उठा ले गए?"

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न्यूज
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में आरिफ (Arif) का गुम हुआ सारस मिल गया है, अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. दरअसल आरिफ के सारस को वन विहार की टीम लेकर चली गई थी, बाद में पता चला कि वन विहार से सारस गायब हो गया, जिसपर अखिलेश यादव ने सरकार के खिलाफ आलोचनात्मक ट्वीट किया और अब सारस मिलने की खबर भी अखिलेश यादव ने ट्वीट की है.

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आरिफ और सारस में कैसे हुई दोस्ती?

दरअसल आरिफ को यह सारस एक साल पहले जंगल में लावारिस हालात में मिला था. उसके पैर में काफी चोट लगी थी. आरिफ उसे अपने घर ले आया. आरिफ ने ही सारस की देख रेख की. जब सारस ठीक हुआ तो वह उनके घर का सदस्य बन गया. सारस का आरिफ के साथ उठना बैठना, खाना पीना सब होने लगा.

यहां तक की आरिफ अगर बाइक से कहीं चला जाए तो सारस उनके पीछे-पीछे उड़ता हुआ पहुंच जाता था. ऐसा कई वीडियोज में देखा गया है. एक इंसान और एक पक्षी की दोस्ती देखने के लिए लोग दूर-दूर से आरिफ के पास आते थे. आरिफ के परिवार के सदस्य भी इस सारस के दाना पानी का ख्याल रखते थे. उनकी मुहब्बत का असर इतना था कि जब आरिफ खेतों में काम करने जाते, सारस भी उनके साथ आता था. जब वह घर लौटते तो खुद ब खुद घर लौट जाता था.
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वन विभाग ने आरिफ और सारस को कर दिया अलग

22 मार्च को आरिफ के घर से वन विहार ने सारस पक्षी को ले लिया और समसपुर पक्षी विहार में छोड़ दिया. लेकिन इसके बाद ही सारस पक्षी का लोकेशन नहीं मिल रहा था. इसके बाद एसपी प्रमुख अखिलेश यादव ने सारस और आरिफ को लेकर सरकार पर हमला बोला. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है. "उप्र वन-विभाग द्वारा अमेठी से जबरदस्ती ले जाकर रायबरेली के समसपुर पक्षी विहार में छोड़ा गया ‘बहुचर्चित सारस’ अब लापता है. उप्र के राज्य-पक्षी के प्रति ऐसी सरकारी लापरवाही एक गंभीर विषय है. बीजेपी सरकार तत्काल सारस खोजे, नहीं तो पूरी दुनिया के पक्षी-प्रेमी आंदोलन करेंगे."

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कुछ देर बाद वापस मिल गया सारस

कुछ देर बाद सारस को 'बी सैया' गांव में पाया गया. सारस के मिलने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने "उप्र के पक्षी प्रेमी 'बी सैया' नामक गांव को धन्यवाद जिसने सारस को बचाया, खिलाया-पिलाया और वो काम कर दिखाया, जिसमें उप्र सरकार नाकाम रही. सच तो ये है कि प्रेम से बड़ी सत्ता और कोई हो ही नहीं सकती. बीजेपी अगर समय रहते ये समझ लें तो शायद उनके अंदर की नफरत कुछ कम हो जाए."

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