चीन ने अमेरिका पर कोरोना वायरस को लेकर ‘दहशत’ पैदा करने का आरोप लगाया है।
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अमेरिका ने ‘‘कोई ठोस सहायता मुहैया नहीं कराई है’’ और इसे लेकर वह केवल ‘‘दहशत’’ पैदा कर रहा है।
अमेरिका ने गत शुक्रवार को इसे जन स्वास्थ्य आपदा घोषित करते हुए पिछले दो सप्ताह में चीन की यात्रा करने वाले विदेशी नागरिकों के देश में प्रवेश पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया था।
ये नए प्रतिबंध वायरस की चपेट में आए प्रांत की यात्रा करने वाले अमेरिकी नागरिकों पर भी लागू होंगे।
अमेरिका में कोरोना वायरस के आठ मामलों की पुष्टि हुई है।
इस संक्रमण से सर्वाधिक लोगों की मौत हुबेई प्रांत में हुई है। हुबेई की राजधानी वुहान में दिसम्बर में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलना शुरू हुआ था और अब यह संक्रमण दुनिया भर में फैल गया है।
सरकारों के चीन से आने वाले लोगों पर तमाम तरीके यात्रा प्रतिबंध लगाने के बावजूद यह संक्रमण 24 से अधिक देशों में फैल चुका है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन इस पहले ही वैश्विक स्वास्थ्य आपदा घोषित कर चुका है।
इसकी चपेट में आने से अब तक 361 लोगों की जान चुकी है और 17,205 मामलों की पुष्टि हुई है। चीन के अलावा फिलिपिन में इससे एक व्यक्ति की जान गई है।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस विषाणुओं का एक बड़ा समूह है लेकिन इनमें से केवल छह विषाणु ही लोगों को संक्रमित करते हैं। इसके सामान्य प्रभावों के चलते सर्दी-जुकाम होता है लेकिन ‘सिवीयर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम’ (सार्स) ऐसा कोरोनावायरस है जिसके प्रकोप से 2002-03 में चीन और हांगकांग में करीब 650 लोगों की मौत हो गई थी।
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