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पेट्रोल-डीजल के दाम पर अशोक गहलोत का PM मोदी को लेटर- एक्साइज ड्यूटी कम करें

अशोक गहलोत ने पीएम मोदी को पत्र लिखरकर एक्साइज ड्यूटी और कम करने की मांग की

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न्यूज
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-पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) पर से टैक्स कम करने को लेकर राजस्थान और केन्द्र सरकार के बीच छिड़ी बहस के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर केन्द्रीय टैक्स में राज्यों को मिलने वाले हिस्से में कमी को वित्तीय संघवाद की भावना के विपरीत बताया है.

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"वैट कम कराने के लिए प्रतिस्पर्धा का माहौल बनाना संघवाद के विपरीत"

मंगलवार, 8 नवंबर को लिखे अपने पत्र में गहलोत ने कहा है कि लोकतंत्र में निर्वाचित सरकारों को प्रदेश के विकास एवं सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधन जुटाने होते हैं. उन्होनें कहा कि,

"आम लोगों तक विकास योजनाओं का लाभ पहुंचाने में राज्यों की भौगोलिक स्थिति, आर्थिक परिदृश्य एवं स्थानीय परिस्थितियों का भी प्रभाव पड़ता है. इन परिस्थितियों में अलग-अलग विकास योजनाओं के लिए जरूरी राजस्व इक्टठ्ठा करने के लिए टैक्स लगाना राज्यों को संविधान द्वारा दिया गया अधिकार है."

केन्द्र द्वारा पेट्रोल-डीजल पर अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी और विशेष एक्साइज ड्यूटी को पहले बढ़ाना और बाद में कम कर राज्यों से वैट कम कराने के लिए आपस में प्रतिस्पर्धा का माहौल बनाना भी सहकारी संघवाद (कॉपरेटिव फेडरेलिज्म) की भावना के विपरीत है.
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अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी और विशेष एक्साइज ड्यूटी को और कम किया जाए- गहलोत

मुख्यमंत्री गहलोत ने अपील की है कि आमजन को पूरी राहत देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल - डीजल पर केन्द्रीय पूल की अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी और विशेष एक्साइज ड्यूटी को और कम किया जाए ताकि लोगों को एक्साइज ड्यूटी और वैट में कमी का लाभ एक साथ मिल सके.

साथ ही, उन्होंने तेल कम्पनियों को पेट्रोल-डीजल के मूल्य में लगातार वृद्धि पर रोक लगाने का भी आग्रह करते हुए कहा कि तेल कम्पनियों द्वारा रोज-रोज की जा रही बढ़ोतरी से केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा लोगों को दी गई राहत का लाभ शून्य हो जाएगा.

"हमारी अपेक्षा है कि केन्द्र सरकार एक्साइज ड्यूटी में पेट्रोल पर अतिरिक्त 10 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर अतिरिक्त 15 रुपये प्रति लीटर की कमी करे. केन्द्र द्वारा एक्साइज ड्यूटी कम करने पर प्रदेश के वैट में भी 3.4 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल पर और 3.9 रुपये प्रति लीटर डीजल पर कम हो जाएंगे. इसके चलते राज्य के टैक्स में 3500 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष की अतिरिक्त हानि होगी जिसे जनहित में राज्य सरकार वहन करने के लिये तैयार है."
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गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2016 से लगातार पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली बेसिक एक्साइज ड्यूटी को कम कर राज्यों के साथ साझा किए जाने वाले हिस्से को घटा दिया गया तथा विशेष एवं अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी जिसका कोई हिस्सा राज्यों को नहीं मिलता, उसे लगातार बढ़ाया गया.

उन्होंने कहा कि "अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी में वृद्धि एवं एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट सेस का लाभ केवल केन्द्रीय राजस्व को मिल रहा है, जबकि डिविजीबल पूल में आने वाली बेसिक एक्साइज ड्यूटी में उत्तरोत्तर कमी की गई है, इससे राज्यों को मिलने वाले करों के हिस्से में कमी आई है. उन्होंने कहा कि राज्यों के हिस्से में लगातार की जा रही कमी वित्तीय संघवाद (फिस्कल फेडरेलिज्म) के सिद्धांतों के विपरीत है"

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गहलोत ने कहा कि कोविड संक्रमण में लॉकडाउन के दौरान 6 मई, 2020 को केन्द्र सरकार ने पेट्रोल पर 10 रुपये एवं डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई थी. उन्होने आगे कहा कि

"4 नवम्बर, 2021 से पेट्रोल पर 5 रुपये एवं डीजल पर 10 रुपये कम कर जनता को राहत देने की बात की जा रही है. जबकि वास्तविकता ये है कि वर्ष 2021 में ही पेट्रोल की कीमत करीब 27 रुपये एवं डीजल की कीमत करीब 25 रुपये बढ़ी. बढ़ाई गई अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी में से केवल कुछ छूट दी गई. ऐसे में, केन्द्र सरकार द्वारा एक्साइज ड्यूटी में की गई कटौती अपर्याप्त प्रतीत होती है."

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