राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने शनिवार, 30 जुलाई को आने वाली किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं (Competitive Exams) में उम्मीदवारों को उम्र में दो साल की छूट देने की घोषणा की है. कोरोना महामारी के कारण दो साल तक कई भर्ती परीक्षाएं नहीं हो पाने के मद्देनजर राजस्थान सरकार ने यह फैसला लिया है.
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि "कोरोना के कारण दो सालों तक नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षाएं समय पर आयोजित नहीं हो सकीं, इसलिए आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को ऊपरी उम्र सीमा में दो वर्षों की छूट दी जाएगी."
इसे ऐसे समझें कि अगर किसी भर्ती परीक्षा में आवेदन करने के लिए ऊपरी उम्र सीमा (Eligible Age) 24 साल है तो उस परीक्षा की ऊपरी उम्र सीमा 26 मानी जाएगी.
शनिवार को बूंदी दौरे पर मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों के शिलान्यास अवसर पर आयोजित जनसभा में कहा कि राज्य सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल में अब तक लगभग सवा लाख लोगों को नौकरी दे चुकी है, जबकि लगभग एक लाख नौकरियां प्रक्रियाधीन हैं और एक लाख नौकरियों की घोषणा उन्होंने 2022-23 के बजट में की है.
मुख्यमंत्री ने कहा था कि उनका प्रयास रहेगा कि समय पर भर्ती परीक्षा हो और समय पर नौकरी मिले.
मुख्यमंत्री ने 2013 की केदारनाथ त्रासदी में जान गंवाने वाले और स्थायी रूप से लापता हुए राजस्थान के निवासियों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति की भी घोषणा की है. उन्होंने इस मामले में बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि 2013 में हमने अनुकंपा नियुक्ति देने की घोषणा की थी और कुछ लोगों को नियुक्ति दे दी गई थी. लेकिन सरकार बदलने के बाद बीजेपी सरकार ने इन नियुक्तियों को रद्द कर दिया था. मैं घोषणा करता हूं कि केदारनाथ त्रासदी के पीड़ितों के परिजनों को फिर अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी.
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