असम (Assam) के कछार जिले के कम से कम 30 अधिकारियों ने एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (CM Hemant Biswa Sarma) को सौंपा है और शिकायत की है कि एक बीजेपी विधायक का व्यवहार ठीक नहीं है. उनका आरोप है कि एमएलए ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं, उनका अपमान करते हैं, धमकाते हैं और गाली भी देते हैं.
जिस बीजेपी विधायक पर आरोप लगे हैं उनका नाम कौशिक राय है.
अधिकारियों द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि विधायक ने पूरे असम सिविल सेवा, या एसीएस, कैडर की अखंडता पर सवाल उठाया है.
ज्ञापन में लिखा गया कि, "हम, कछार जिले के सिविल सेवा अधिकारी, आपके नेतृत्व पर विश्वास रखते हुए, सोनल राजस्व मंडल में राहत कार्य में लगे सिविल सेवकों के प्रति विधायक लखीपुर द्वारा घोर दुर्व्यवहार की बहुत ही शर्मनाक घटना को आपके संज्ञान में लाना चाहते हैं.
इसमें आगे लिखा गया कि, गोविंदनगर शिवबाड़ी हाई स्कूल में नामित राहत शिविरों का दौरा करते हुए, विधायक, लखीपुर ने टिप्पणी की कि सोनाई के बीडीओ हुसैन मोहम्मद मोबिन, एएलआरएस को उसी तरह से पीटा जाना चाहिए जैसे कि एक बार उन्हें विभिन्न पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा ब्लॉक कार्यालय में 10 मार्च 2022 को पीटा गया था.
बीजेपी विधायक पर यह भी आरोप लगाया गया कि उन्होंने दोनों सर्कल अधिकारियों को 'चावल चोर' कहा और लखीपुर निर्वाचन क्षेत्र के कप्तानपुर और रूपैबली जीपी के बाढ़ संभावित क्षेत्रों के दौरे के दौरान कहा कि उनके 'शरीर में कीड़े पड़ेंगे जिससे वे पीड़ित होंगे'.
वहीं इकोनॉमिक्स टाइम्स से बातचीत में बीजेपी विधायक कौशिक राय ने उन पर लगाए गए आरोपों का खंडन किया है.
उन्होंने कहा कि, "सोनई के मेरे दौरे के दौरान लोगों ने शिकायत की कि उन्हें बाढ़ के दौरान राहत नहीं मिली. मैंने वहां मौजूद किसी अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया. मैंने उनसे काम करने को कहा क्योंकि यह मानवीय संकट है."
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