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BHU छेड़छाड़ मामले में चीफ प्रॉक्टर ने दिया इस्तीफा

वीसी को हटाने का भी बढ़ रहा है दबाव, लेकिन 26 नवंबर को ही रिटायर हो रहे हैं वीसी जीसी त्रिपाठी

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बीएचयू में छात्रा से हुई छेड़छाड़ के बाद मचे बवाल के चलते चीफ प्रॉक्टर ओंकार नाथ सिंह ने इस्तीफा दे दिया है. चीफ प्रॉक्टर पर छात्रा की शिकायत को गंभीरता से नहीं लेने के आरोप लग रहे थे. आरोप है कि पीड़ित छात्रा ने जब चीफ प्रॉक्टर से शिकायत की, तब उन्होंने मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की थी.

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अभी तक पूरा मामला...

21 सितंबर को एक छात्रा से सरेआम छेड़छाड़ के बाद छात्राओं ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया था. अगले दिन रात को प्रदर्शन के बीच पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया. इससे कई छात्राएं घायल हो गईं. लाठीचार्ज में कई पत्रकारों को भी मारा गया. देशभर में इस लाठीचार्ज की निंदा हुई थी.

दिल्ली सहित कई शहरों में बीएचयू के छात्रों के पक्ष में प्रदर्शन भी हुआ. समाजवादी पार्टी, कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों ने मामले पर राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. कांग्रेस नेता राज बब्बर ने बनारस पहुंचकर विरोध भी दर्ज कराया.

लखनऊ में पत्रकारों ने लाठीचार्ज के विरोध में सीएम हाउस के सामने धरना दिया. बढ़ते दवाब के बीच छात्राओं पर लाठीचार्ज के मामले में योगी सरकार की तरफ से कार्रवाई की गई.

वाराणसी में लंका इलाके के स्टेशन ऑफिसर, भेलूपुर के सीओ और एडिशनल सिटी मजिस्ट्रेट को हटा दिया गया. इन सभी को मामले को ठीक से हैंडल न करने का दोषी पाया गया था.

लाठीचार्ज के न्यायिक जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं. इस बीच, वाराणसी पुलिस ने बीएचयू कैंपस में हिंसा और शांति भंग के आरोपों के तहत 1000 अज्ञात छात्र-छात्राओं के खिलाफ केस दर्ज भी किए हैं. फिलहाल 2 अक्टूबर तक यूनिवर्सिटी बंद कर दी गई है.

कमिश्नर की रिपोर्ट में BHU प्रशासन को दोषी ठहराया

वाराणसी के कमिश्नर ने राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. चीफ सेकेट्ररी को सौंपी गई इस रिपोर्ट में यूनिवर्सिटी प्रशासन को बवाल बढ़ने के लिए जिम्मेदार बताया गया है.

कमिश्नर नितिन गोकर्ण की रिपोर्ट के मुताबिक, इस संवेदनशील मुद्दे पर बीएचयू प्रशासन ने न तो पीड़ित की शिकायत पर सही कार्रवाई की और न ही हालात को सही से संभाला.

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