मुंबई-गोवा हाईवे पर सावित्री नदी पर बने पुराने पुल के गिरने की वजह से दो बस बह जाने की खबर आ रही है. ये हादसा मंगलवार देर रात भारी बारिश होने की वजह से हुआ है. बसों में सवार करीब 22 लोगों को ढूंढने के लिए एनडीआरएफ की टीमें लगाईं गईं हैं. इसके साथ ही हेलिकॉप्टर के जरिए सर्च ऑपरेशन जारी है.
पुल के ढहने के बाद से वहां से गुजर रहीं 2 स्टेट ट्रांसपोर्ट बसें भी लापता हैं. इनमें से एक बस में 22 यात्रियों के सवार होने की सूचना है.
बचाव कार्य जारी
पुणे और मुंबई से एनडीआरएफ की टीम रायगढ़ के लिए रवाना हुई है. 50 एनडीआरएफ जवान राहत कार्य में लगे हैं.
महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने रायगढ़ के डीएम और कमिश्नर से बात करके राहत कार्य की जानकारी ली है.
लापरवाही या दुर्घटना?
पिछले कई दिनों से रायगढ़ और इसके आसपास के इलाकों में भारी बारिश हो रही है. यहां की ज्यादातर नदियों में बाढ़ जैसी स्थिति है. ब्रिज टूटने की वजह पानी का हाईप्रेशर बताया जा रहा है.
गौर करने वाली बात है कि बारिश में ढहे पुल को ब्रिटिश काल के दौरान बनाया गया था.
- अगर पुल जर्जर हालत में था तो उसकी मरम्मत पहले क्यों नहीं करवाई गई?
- कई दिनों से हो रही बारिश के बावजूद प्रशासन ने खतरे को क्यों नहीं भांपा?
- पुल के जर्जर हालत में होने के बावजूद उससे आवागमन की इजाजत क्यों दी गई?
हालांकि, पुलिस की सहायता से राहत कार्य शुरू हो चुका है. भीड़ को देखते हुए पास बने नए ब्रिज से गाड़ियों को पास करवाया जा रहा है, जिससे फिलहाल ट्रैफिक की हालत सुधर रही है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)