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नए बिल में कम्युनिटी सर्विस क्या है? जिसमें छोटे अपराधों के लिए सजा का प्रावधान है

What is Community Service: कानून में सामुदायिक सेवा को शामिल करना पहली बार हो रहा है.

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IPC और CrPc की जगह लेने वाले भारतीय न्याय संहिता 2023 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 बिल संसद में पेश हो चुके हैं. भारतीय न्याय संहिता 2023 में कम्युनिटी सर्विस (Community Service) यानी सामुदायिक सेवा को भी शामिल किया गया है.

इसका मतलब - छोटे-छोटे अपराधों (Petty Crimes) के लिए जेल और जुर्माना तो था ही साथ ही सजा के रूप में अब समाज में सेवा भी करवाई जा सकती है. आइए जानते हैं कम्युनिटी सर्विस और नए कानून के बारे में.

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क्या है कम्युनिटी सर्विस - छोटे अपराधों के लिए सजा

समाज में सेवा देने को कम्युनिटी सर्विस कहते हैं. छोटे अपराध जैसे - मानहानि, चोरी करना (जो 5000 रुपये से कम की हो), आत्महत्या की कोशिश करना, सरकारी कर्मचारियों द्वारा अवैध काम करना, सार्वजनिक जगह पर नशा करना आदि जैसे अपराधों के लिए सजा के रूप में सामुदायिक सेवा को शामिल किया गया है.

छोटे अपराधों के लिए सजा के रूप में समाज में सेवा करवाने का फैसला कोर्ट पहले भी लेती रही है लेकिन कानून में सामुदायिक सेवा को शामिल करना पहली बार हो रहा है.

पश्चिम देशों, खासकर अमेरिका में सामुदायिक सेवा एक आम सजा है.

सजा के रूप में समाज में सेवा को कानून में शामिल करने का ये मतलब नहीं है कि जो अपराध छोटे अपराधों की श्रेणी में आते हैं उनके लिए सजा केवल और केवल सामुदायिक सेवा ही होगी. अगर अदालत चाहे तो अपराधी पर जुर्माना भी लगा सकती है या फिर छोटी अवधि के लिए जेल की सजा भी दे सकती है या फिर जेल और जुर्माना दोनों भी हो सकता है.

अदालतें किस तरह की सामुदायिक सेवा का आदेश देती रही हैं?

छोटे अपराधों के लिए सजा के रूप में सामुदायिक सेवा में आमतौर पर सफाई करवाई जाती है:

  • जैसे किसी सार्वजनिक जगह पर सफाई, दीवारों को साफ करना आदि.

  • कुछ छोटे अपराधों के लिए अपराधियों को ऐसी कोचिंग क्लास में जुड़ने का आदेश दिया जाता है जो शराब की लत के बुरे प्रभाव को लेकर जागरूकता फैलाती हो, गुस्से को शांत करना सिखाती हो या फिर ठीक से कैसे वाहन चलाना है इसकी ट्रेनिंग देती हो

  • कई मामलों में दान का काम करना पड़ता है या फिर एक स्वयंसेवक के रूप में किसी एनजीओ के साथ काम करना होता है

  • कई बार अपराध के हिसाब से सजा के रूप में सेवा करवाई जाती है, मान लीजिए किसी को बुजुर्ग के साथ दुर्वव्यवहार करने के लिए दोषी ठहराया गया तो उस अपराधी को वृद्धा आश्रम भेजा जा सकता है ताकी बुजुर्गों के प्रति वो संवेदनशील बन सके

  • कई बार अपराधियों को सजा के रूप में उनकी स्किल का मुफ्त में इस्तेमाल करवाया जाता है जैसे, कोई सॉफ्टवेयर इंजीनियर है तो उससे किसी एनजीओ की वेबसाइट बनवाई जा सकती है

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