एक हफ्ते पहले 26 जनवरी को भारत में 24 घंटे में 2,85,914 नए मामले सामने आए और 665 मौतें हुईं। उसके बाद से लगातार नए मामलों में गिरावट आ रही है। हालांकि मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है।
देश में 3 फरवरी को 24 घंटे की अवधि में संक्रमण के 1,72,433 मामले आए और 1,008 मौतें हुईं।
अशोका यूनिवर्सिटी के विजिटिंग प्रोफेसर शाहिद जमील ने आईएएनएस को बताया, मौतों के मामले पिछले 2-3 हफ्तों से ज्यादा देखे जा रहे हैं। इसका मतलब है कि संक्रमित लोग गंभीर रूप से बीमार हो रहे हैं, वे अस्पताल में भर्ती हैं और इलाज के बीच दम तोड़ रहे हैं।
देश इस समय तीसरी कोविड लहर से गुजर रहा है, जो वायरस के अत्यधिक संक्रामक स्वरूप ओमिक्रॉन से शुरू हुई है।
वैश्विक स्तर पर ओमिक्रॉन से इस समय लगभग 70 प्रतिशत लोग संक्रमित हैं और 30 प्रतिशत लोग डेल्टा की चपेट में हैं। भारत में ओमिक्रॉन के मामलों की संख्या हालांकि कम रही है।
जमील ने कहा, भारत में तीसरी लहर में ज्यादातर ओमिक्रॉन के मामले हैं। हालांकि रोजाना आंकड़ों में ओमिक्रॉन के मामले कम जुड़ रहे हैं, क्योंकि जीनोमिक सीक्वेंसिंग के बाद ही मामला निर्धारित किया जाता है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में सीनियर रिसर्च फेलो ग्रीन टेम्पलटन ने कहा, सभी पॉजिटिव मामलों में वेरिएंट वायरस का पता लगाने के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग नहीं की जाती है, इसलिए ओमिक्रॉन के मामलों की कम संख्या देखी जा रही है।
भारत में फरवरी के मध्य में तीसरी लहर के चरम पर पहुंचने की संभावना है।
कोच्चि के अमृता अस्पताल में संक्रामक रोग विभाग की डॉ. किरण जी. कुलीरंकल ने आईएएनएस को बताया, अलग-अलग राज्यों में मामलों के शिखर अलग-अलग होंगे और मार्च के अंत तक यह कम होना शुरू हो जाएगा।
उन्होंने कहा, हालांकि कोविड के अंत की भविष्यवाणी करना अभी जल्दबाजी होगी।
--आईएएनएस
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