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10 साल में 15 महिलाओं से शादी,कभी डॉक्टर, कभी इंजीनियर बनता,किराए पर लाता बाराती

आरोपी महेश कथित तौर पर शादी की वेबसाइटों पर महिलाओं से मिलता और डॉक्टर या इंजीनियर होने का नाटक करता था.

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बेंगलुरु (Bengaluru) का एक 35 साल का व्यक्ति पिछले 10 सालों से करीब 15 महिलाओं के साथ शादी करता है, जिससे वह उनके गहने और संपत्ति लेकर फरार हो सके. महिलाओं से बातचीत होने पर वह डॉक्टर और इंजीनियर होने का दिखावा करता है और हर एक से बात करने के लिए अलग-अलग फोन नंबर का उपयोग करता है. यहां तक कि 'शादियों' में अपने परिवार की भूमिका निभाने के लिए एक्टर्स को काम पर रखता है.

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इन घटनाओं को पढ़कर ऐसा लगता है कि ये किसी फिल्म का प्लॉट है लेकिन यह सच्ची घटना है.

मैसूर पुलिस ने रविवार, 9 जुलाई को महेश केबी नायक (Mahesh KB Nayak) को शादी की वेबसाइटों पर डॉक्टर और इंजीनियर होने का झांसा देकर मिली महिलाओं को धोखा देने और बाद में उनके पैसे लेकर गायब होने के आरोप में गिरफ्तार किया.

मैसूर के कुवेम्पुनगर पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने द क्विंट से बात करते हुए कहा कि महेश ने 10-12 सालों के दौरान कर्नाटक के अलग-अलग इलाकों- मैसूर, मांड्या, बेंगलुरु, मंगलुरु और आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में कम से कम 15 महिलाओं से शादी की है. जानकारी मिली है कि इन शादियों से उसके करीब चार बच्चे भी हैं.

महेश को बेंगलुरु में काम करने वाली एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की शिकायत के बाद गिरफ्तार किया गया था, जिससे उसकी मुलाकात अगस्त 2022 में Shaadi.com पर हुई थी और जनवरी 2023 में उसने 'शादी' कर ली थी.

लड़की के द्वारा की गई शिकायत के मुताबिक महेश ने अपनी 'शादी' के बाद उससे "क्लिनिक शुरू करने के लिए" 10 लाख रुपये का लोन मांगा और पैसे ना देने की स्थिति में उसे जान से मारने की धमकी भी दी. लड़की ने महेश पर 15 लाख रुपए और 20 तोला (233.2 ग्राम) सोना चुराने का भी आरोप लगाया है.

लड़की की शिकायत के आधार पर महेश को पकड़ने के लिए एक टीम बनाई गई थी, लेकिन पुलिस अधिकारी के मुताबिक उसे ट्रैक करना कोई आसान काम नहीं था.

महेश और उसके काम करने का तरीका

कुवेम्पुनगर के सब-इंस्पेक्टर राधा एम, द क्विंट से बात करते हुए कहते हैं कि महेश के माता-पिता और दो भाई बेंगलुरु के बनशंकरी में रहते हैं, लेकिन वो पिछले सात सालों से उससे अलग हैं.

उसके पास अपना खुद का घर नहीं है, लेकिन उसके पास दो कार हैं. वह अपने शिकार से मिले पैसों से एक होटल से दूसरे होटल जाता है और आलीशान जिंदगी गुजारता है.
राधा एम, SI, कुवेम्पुनगर

अधिकारी ने कहा कि जिस पहली महिला से उसने 'शादी' की, उसने मेहश के फरार होने के बाद 2013 में बेंगलुरु में शिकायत दर्ज कराई थी. FIR दर्ज की गई, लेकिन जांच रुक गई क्योंकि पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला. और उसके बाद महेश के खिलाफ कोई और शिकायत नहीं आई. अब, पिछली शिकायतकर्ता ने भी शिकार होने का दावा करते हुए सामने आई है.

अब सवाल यह उठता है कि इतने सालों में वह अपराध करते हुए कैसे बच गया?

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एसआई राधा ने कहा कि महेश सबसे पहले Shaadi.com जैसी शादी करवाने वाली वेबसाइटों पर एक प्रोफाइल बनाता है और महिलाओं को रिक्वेस्ट भेजता है, जिनमें से ज्यादातर शिक्षित और संपन्न हैं.

जब वे महेश के रिक्वेस्ट को स्वीकार कर लेती हैं, तो वह उनसे मीठी-मीठी बातें करता है और आखिर में शादी कर लेता है. वह आम तौर पर लड़कियों के साथ छोटे चैट करता है और खुद को डॉक्टर बताते हुए अपनी तस्वीरें शेयर करता है. उसने महिलाओं को यह भी बता रखा है कि वह एक सिविल इंजीनियर है. उसका शिकार बनीं महिलाएं भी अच्छे फैमिली से आती हैं. उनमें से कई शिक्षित हैं और डॉक्टर, इंजीनियर और असिस्टेंट प्रोफेसर जैसे पदों पर काम कर रही हैं.
एसआई एम राधा

पुलिस अधिकारी ने द क्विंट को बताया कि जिन महिलाओं से उसने शादी की, उनमें से एक डॉक्टर थी और महेश ने कथित तौर पर एक 'डॉक्टर' के रूप में खुद की तस्वीरें क्लिक करने के लिए उसके क्लिनिक का इस्तेमाल किया, जिससे वह उन तस्वीरों का उपयोग करके अन्य महिलाओं को फंसा सके.

महेश द्वारा शिकार बनाई गई महिलाओं की शिकायत में सबसे आखिरी शिकायत के मुताबिक महेश उसे मैसूर में अपने कथित घर और उस बिल्डिंग में भी ले गया, जहां उसने दावा किया था कि वह अपना क्लिनिक शुरू कर रहा है.

एसआई राधा ने आगे कहा कि महेश शादियों में अपने परिवार और दोस्तों का दिखावा करने के लिए लोगों को तीन हजार रुपये से दस हजार रुपए देता था.

उन्होंने कहा कि वह ज्यादातर महिलाओं को बताता था कि उसके माता-पिता का निधन हो गया है और वह लोगों को अपने भाई, चचेरे भाई या दोस्त के रूप में काम पर रखता था. महेश की तरफ से केवल 5-6 लोग ही शादियों में शामिल होते हैं.

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ऐसा कहा जा रहा है कि अच्छी तरह से अंग्रेजी ना बोल पाने की वजह से शादी की वेबसाइटों पर उससे बात करने वाली कई महिलाओं में शक पैदा हो गया, जिससे उन्होंने महेश के प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया.

दस सालों तक महेश कैसे बचता रहा?

एसआई राधा ने द क्विंट को बताया कि शादी के बाद, महेश ने अपनी 'पत्नियों' के साथ सिर्फ तीन से चार दिन बिताए और वे ज्यादातर किराए के घरों में रहे, जहां बहुत कम सुविधाएं थीं.

वह उन्हें यह कहते हुए छोड़ देता कि किसी अन्य राज्य में उसकी सर्जरी होनी है और उसे कुछ दिनों तक परेशान नहीं किया जाना चाहिए. वह उनसे कहता कि वह काम में बिजी रहेगा, इसलिए उन्हें उसे फोन नहीं करना है और वह जब वह फ्री होगा कॉल कर लेगा.
एसआई एम राधा

अधिकारी ने कहा कि बाद में, महेश ने उन महिलाओं को बताया कि वह घर पर एक सिविल मामले में उलझा हुआ है और अगर पुलिस उनसे संपर्क करती है, तो वे बोलें कि उन्हें नहीं पता कि वह कौन है.

लेकिन महेश ने कथित तौर पर फरार होने से पहले यह तय कर लिया था कि वह महिलाओं के गहने ले ले या उनकी संपत्ति पर कब्जा कर ले. आखिरी शिकायतकर्ता सहित तीन महिलाओं से महेश ने 3 करोड़ रुपये से अधिक का सोना और संपत्ति चुराई है.
एसआई एम राधा

आखिरी शिकायतकर्ता के मुताबिक महेश अपनी शादी के तीन दिन बाद यह कहकर घर छोड़ गया कि उसे एक सर्जरी करनी है.

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वह तीन दिनों के बाद घर लौटा और अपना क्लिनिक शुरू करने के लिए 10 लाख रुपये का लोन मांगा और पैसे नहीं देने पर मुझे जान से मारने की धमकी दी. इसके दो दिन बाद, वह 15 लाख रुपये लेकर घर से चला गया, जो मेरे थे माता-पिता ने मुझे घरेलू सामान और 20 तोला सोना खरीदने के लिए दिए थे.
शिकायतकर्ता

पुलिस अधिकारी ने द क्विंट को आगे बताया कि महेश ने कथित तौर पर हर महिला से बात करने के लिए अलग फोन और सिम का इस्तेमाल किया और उन्हें कभी भी किसी अन्य उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया. फरार होने के बाद वह फोन बंद कर देता था.

एसआई राधा ने कहा कि ज्यादातर महिलाओं ने कभी शिकायत नहीं की क्योंकि वे या तो तलाकशुदा थीं या ज्यादा उम्र की और अविवाहित थीं. अधिकारी ने कहा कि महिलाएं ज्यादातर इसलिए शिकायत नहीं करतीं क्योंकि वे खुद को दोषी मानती हैं और ये महिलाएं लोक-लज्जा को लेकर परेशान थीं.

इसलिए, पुलिस को महेश को पकड़ने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ी.

आखिरी शिकायत आने के बाद, हमने उसके CDR यानी कॉल रिकॉर्ड डेटा और स्थान की जांच शुरू कर दी. महेश के द्वारा दिए गए सभी पते फर्जी थे. उसने एक को छोड़कर अपने नाम से कोई सिम कार्ड नहीं लिया था. और उसी एक सिम कार्ड की वजह से हमने उसका पता लगा लिया.

महेश को कर्नाटक के तुमकुरु में गिरफ्तार किया गया था और उस पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करना), 406 (आपराधिक विश्वासघात), 506 (आपराधिक धमकी), और 380 (चोरी) के तहत आरोप लगाया गया.

पुलिस के मुताबिक, महेश फिलहाल न्यायिक हिरासत में है.

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