कर्नाटक (Karnataka) में एक कॉफी प्लांट में काम करने वाली दलित (Dalit) वर्कर ने अपने मालिक पर उसे बंधक बनाने के आरोप लगाए हैं. आरोप है कि जगदीश गौड़ा और उनके बेटे ने सोमवार को दक्षिणी राज्य कर्नाटक में दलित मजदूरों को कथित तौर पर तीन घंटे के लिए बंद कर दिया. अधिकारी इस दावे की भी जांच कर रहे हैं कि मारपीट के बाद एक महिला का गर्भपात हो गया.
जगदीश गौड़ा ने आरोपों से इनकार किया है. पुलिस ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
पुलिस का कहना है कि मजदूर तीन महीने से चिक्कमगलुरु जिले में स्थित एस्टेट में रह रहे थे, जब दो मजदूरों एक पुरुष और एक महिला के बीच लड़ाई हो गई. तब जगदीश गौड़ा ने हस्तक्षेप किया और कथित तौर पर महिला के साथ "दुर्व्यवहार और मारपीट" की.
घटना 8 अक्टूबर को हुई जब एस्टेट के मालिक और उनके बेटे चाहते थे कि कर्मचारी कॉफी एस्टेट के लिए काम करना जारी रखें, लेकिन कर्मचारी छोड़ना चाहते थे. दोनों ने कहा कि उन्हें कुछ उधार के पैसे लौटाने हैं और महिलाओं समेत 14 लोगों को बंद कर दिया.
लेकिन जगदीश गौड़ा ने कथित तौर पर यह मांग करते हुए कि वे तुरंत 9,00000 रुपये का कर्ज चुका दें. उन्हें काम छोड़ कर जाने से मना कर दिया.
पुलिस ने कहा कि जब खेत पर पुरुष पैसे की व्यवस्था करने के लिए चले गए, तो गौड़ा ने कथित तौर पर महिलाओं के मोबाइल फोन छीन लिए और उनमें से कुछ के साथ मारपीट की.
चिक्कमगलुरु पुलिस अधिकारी उमा प्रशांत के हवाले से बीबीसी ने लिखा कि, "उस पर आरोप है कि उसने सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच उन्हें उनके घर में बंद कर दिया." उमा प्रशांत ने कहा कि अधिकारियों ने महिला की मेडिकल रिपोर्ट भी मांगी है ताकि यह पुष्टि की जा सके कि उसका गर्भपात हुआ है या नहीं.
जगदीश गौड़ा और उनके बेटे के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत “चोट पहुंचाने” और “गलत तरीके से बंधक बनाने” के लिए मामला दर्ज किया गया है.
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जगदीश गौड़ा भारतीय जनता पार्टी के सदस्य है, हालांकि, पार्टी ने उनसे दूरी बना ली है. पार्टी ने उन्हें सिर्फ पार्टी का एक समर्थक बताया है.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)