लखनऊ के पार्थ श्रीवास्तव सुसाइड केस में अब FIR दर्ज कर ली गई है. सीएम के सोशल मीडिया टीम में काम करने वाले पार्थ के पिता की शिकायत पर इंदिरानगर थाने में FIR दर्ज की गई है. टीम के सीनियर्स पर आत्महत्या के लिए उकसाने और उत्पीड़न का आरोप है.
पार्थ श्रीवास्तव गुरुवार को इंदिरा नगर स्थित अपने घर में पंखे से लटके पाए गए थे. उन्हें उनके पिता रविंद्र नाथ श्रीवास्तव द्वारा राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
न्यूज एजेंसी IANS की रिपोर्ट के मुताबिक, पार्थ की बड़ी बहन शिवानी श्रीवास्तव ने बताया था कि पार्थ ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक सुसाइड नोट ट्वीट किया था, लेकिन किसी ने उसे हटा दिया है. उन्होंने ये आरोप लगाया है कि पार्थ अक्सर इस बारे में बात करता था कि कैसे कुछ वरिष्ठ उसे परेशान कर रहे थे.
केस में ट्वीट डिलीट की भी विवेचना की मांग
पूर्व आईपीएस अधिकारी और एक्टिविस्ट अमिताभ ठाकुर और पत्नी डॉ नूतन ठाकुर ने शिकायत दर्ज कराते हुए इस मामले में पार्थ के अंतिम ट्वीट को डिलीट किये जाने की भी विवेचना किये जाने की मांग की है. लखनऊ पुलिस कमिश्नर को भेजे अपनी शिकायत में उन्होंने कहा कि पार्थ की आत्महत्या के साथ ही उनके ट्विटर हैंडल ( @ParthSrivastav6) से सूचना निदेशक शिशिर को टैग करते हुए पोस्ट किये उनके अंतिम ट्वीट के उनकी मौत के बाद रहस्यमय ढंग से डिलीट किये जाने के मामला भी एक गंभीर आपराधिक कृत्य है इसलिए या तो आत्महत्या की एफआईआर में या एक नए मुकदमे के जरिये अंतिम ट्वीट डिलीट किये जाने की भी विवेचना की मांग की है.
ट्विटर पर वायरल हो रही है चिट्ठी
पार्थ की बहन शालिनी जिस नोट का जिक्र कर रही हैं. वो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस नोट में पार्थ ने अपनी टीम के कुछ वरिष्ठ सहयोगियों पर उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. 2 पेज के सुसाइड नोट में कई नाम दर्ज हैं. इसमें पुष्पेंद्र सिंह, शैलजा नाम के सहकर्मियों पर आरोप लगाए गए हैं.
पार्थ के कुछ दोस्त नोट को सोशल मीडिया पर स्क्रीनशॉट के साथ शेयर कर रहे हैं और 'जस्टिसफॉरपार्थ' कैंपेन चला रहे हैं.
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