दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट ने निलंबित AAP पार्षद ताहिर हुसैन को 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा. ताहिर पर दिल्ली हिंसा के दौरान IB ऑफिसर अंकित शर्मा की हत्या के आरोप हैं.
बता दें कि 5 मार्च को हुसैन ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पाहुजा के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए एक आवेदन दिया था, जो खारिज हो गया. इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पाहूजा ने हुसैन की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि उनके द्वारा मांगी गई राहत इस अदालत के अधिकार क्षेत्र से बाहर है. अदालत ने कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 177 के तहत अपराध की जांच और मुकदमा उसी अदालत में चलना चाहिए जिसके अधिकार क्षेत्र में अपराध हुआ है.
जज ने कहा,
‘‘इस मामले में अपराध पीएस दयालपुर थाना के अंतर्गत हुआ जो कि कड़कड़डूमा अदालत के क्षेत्राधिकार में आता है. आवेदन में इसे यहां दायर करने के लिये बताई गई वजह राहत के लिए इस मंच को चुनने के आवेदक के आचरण को उचित नहीं ठहराती है.’’
हुसैन के वकील मुकेश कालिया ने अदालत में दलील दी कि हुसैन की जान को खतरा है और इसलिए ही उन्होंने सक्षम अदालत के सामने आत्मसमर्पण नहीं किया क्योंकि कड़कड़डूमा अदालत में माहौल इसके अनुकूल नहीं था.
उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी से हुसैन का कोई लेना-देना नहीं है और उन्हें गलत फंसाया जा रहा है. अदालत ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट ने क्षेत्राधिकारों का स्पष्ट बंटवारा किया है, चाहे वह पुलिस थाने हो या जिला अदालतें और उसके अनुसार ही काम का बंटवारा किया जाता है.
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