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कमलेश तिवारी के बेटे ने कहा-प्रशासन पर नहीं भरोसा, जांच करे NIA

हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी हत्याकांड में अब परिवार ने प्रशासन के कामकाज पर सवाल उठाए हैं.

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हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी के मर्डर की जांच में अब परिवार ने प्रशासन के कामकाज पर सवाल उठाए हैं. कमलेश तिवारी के बेटे सत्यम तिवारी का कहना है कि उन्हें प्रशासन की जांच पर भरोसा नहीं है और हत्याकांड की जांच NIA को करनी चाहिए.

सत्यम का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि उनके पिता की हत्या में गिरफ्तार आरोपी सही हैं या नहीं. उनके मुताबिक इस बात की जांच कहना है कि अगर यही लोग दोषी हैं और इनके खिलाफ सबूत भी हैं तो NIA को मामले जांच करनी चाहिए.

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दहशत पैसा करने की कोशिश है: सीएम योगी आदित्यनाथ

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को दहशत पैदा करने की कोशिश बताया है. उन्होंने कहा कि भय और दहशत पैदा करने वालों के मंसूबों को कुचल दिया जाएगा, मामले की जांच हो रही है.

जो भी इस घटना में शामिल होगा किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.
योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश
बता दें कि 18 अक्टूबर को लखनऊ में हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी. भगवा कपड़े पहने हमलावर मिठाई के डिब्बे में चाकू, कट्टा लेकर खुर्शीद बाग इलाके में बने तिवारी के दफ्तर में आए थे.

24 घंटे के भीतर हत्याकांड सुलझाने का दावा

उधर, यूपी पुलिस ने लखनऊ के कमलेश तिवारी हत्याकांड को 24 घंटे के भीतर सुलझाने का दावा किया है. मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस की इस फौरन कामयाबी की वजह बना मिठाई का एक डिब्बा जिसे आरोपी अपने साथ लेकर आए थे. उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने बताया जांच के दौरान मौका-ए-वारदात से एक मिठाई का डिब्बा मिला जो पुलिस के लिए अहम सुराग बन गया.

मिठाई के डिब्बे पर गुजरात के सूरत जिले की एक दुकान का पता था. उसी डिब्बे को आधार बनाते हुए पुलिस की टीमें गठित की गईं और जांच उत्तर प्रदेश से होते हुए गुजरात तक जा पहुंची. आखिरकार गुजरात पुलिस की मदद से यूपी पुलिस ने तीन आरोपियों को दबोच लिया.

हत्यारे अब भी फरार

डीजीपी सिंह ने बताया कि कमलेश तिवारी के परिवार वालों ने एफआईआर में में बिजनौर निवासी अनवरूल हक और नईम काजमी का नाम लिया है और उन्हें भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. हालांकि हत्या करने वाले दोनों आरोपी फरार हैं. इस मामले में अभी तक किसी आतंकी संगठन की भूमिका सामने नहीं आई है. कुछ और लोगों को भी हिरासत में लिया गया था, लेकिन पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया.

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