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सुशील कुमार केस:तिहाड़ जेल में कैद गैंगस्टर बवाना का कच्चा चिट्ठा

सुशील कुमार हत्या के आरोप में कैद में हैं,रेलवे ने निलंबित कर दिया है और गैंगस्टर्स से उसका कनेक्शन सुर्खियों में है

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ओलंपियन, पद्म पुरस्कार विजेता, पहलवानों का गुरू इन सब नामों और पहलवानी से जुड़े काम की वजह से सुशील कुमार की चर्चा हुआ करती थी. अब सुशील कुमार हत्या के आरोप में जेल में है, रेलवे ने निलंबित कर दिया है और गैंगस्टर्स से उसका कनेक्शन सुर्खियों में है. सागर धनखड़ की हत्या के मामले की जांच में अब दिल्ली पुलिस, सुशील कुमार और गैंगस्टर नीरज बवाना के कनेक्शन की जांच कर रही है. वहीं संदीप जठेड़ी उर्फ काला जठेड़ी नाम के एक और गैंगस्टर का नाम भी इस पूरे मामले में सामने आ रहा है.

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दिल्ली के बवाना गांव का रहने वाला नीरज कथित तौर पर तिहाड़ जेल से ही अपना धंधा चला रहा है. ऐसा बताया जा रहा है कि 4 मई रात जब हत्या को अंजाम दिया गया था उस वक्त सुशील कुमार के साथ बवाना गैंग के कुछ गुर्गे भी थे.

दिल्ली पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि छत्रसाल स्टेडियम से ओलंपियन सुशील कुमार के बीच हुए विवाद के बाद जब्त किए गए तीन वाहनों में से एक नीरज बवानिया गिरोह से जुड़ा है या नहीं. पुलिस ने वारदात वाली जगह से हथियार भी बरामद किए हैं.

अब ये नीरज बवाना कौन है?

सोशल मीडिया पर इस गैंगस्टर के कई वीडियो शेयर होते रहते हैं. दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में अपने गुर्गों के जरिए आपराधिक वारदातें अंजाम देने वाले नीरज बवाना के खिलाफ दिल्ली में कई मुकदमें दर्ज हैं. हत्या, डकैती, प्रॉपर्टी पर कब्जा, धमकी-वसूली जैसे मामलों में आरोपी नीरज अप्रैल, 2015 से जेल में कैद है. जरायम की दुनिया में दाऊद इब्राहिम जैसा बनना चाहने वाले नीरज के लिए तिहाड़ जेल पहली 'क्लासरूम' थी जहां पर उसने इस काली दुनिया के कई नुस्खे सीखे और बाहर आजमाया.

हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 32 साल के बवाना ने अपराध की दुनिया में कदम 18 साल की उम्र में रखा, तब वो पहली बार हरियाणा के भिवानी में डकैती की कोशिश में धरा गया था. दिल्ली के अंडरवर्ल्ड गैंग में यहां से उसकी एंट्री हुई.

तिहाड़ जेल में ही नीरज की मुलाकात दाऊद के एक गुर्गे फजल-उर-रहमान से हुई, जो मलेशिया, दुबई, नेपाल और भारत में ऑपरेट करता था. कुछ महीने दोनों साथ रहे उसके बाद वसूली के धंधे में बवाना उतरा. फिर मर्डर और फिर धीरे-धीरे उसने कई राज्यों में खुद का नेटवर्क खड़ा कर लिया.

गैंगवार जारी है...

नीरज बवाना जैसे-जैसे अपराध की दुनिया में बढ़ रहा था, उसके दुश्मन भी तैयार हो रहे थे. कभी उसका साथी रह चुका नीतू दाबोदा बाद में उसका कंपीटिटर बन गया. नीरज बवाना को ये बर्दाश्त नहीं हुआ और अगले कुछ सालों में उसने दाबोदा के कई गुर्गों को मरवा दिया. साल 2013 में नीतू दाबोदा पुलिस एनकाउंटर में मारा गया. इसके बाद दाबोदा के गैंग की कमान जिन बदमाशों ने थामी, उन्हें भी नीरज बवाना ने मरवा दिया.

धीरे-धीरे वो दिल्ली का मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर बन गया. अप्रैल, 2015 में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. वो आज भी अपने गुर्गों के जरिए सक्रिय बताया जाता है, सुशील कुमार केस में उसका नाम सामने आने के बाद वो फिर सुर्खियों में है.

संदीप ऊर्फ काला जठेड़ी

आजतक, नेटवर्क-18 समेत कई मीडिया रिपोर्ट्स सुशील कुमार मामले में एक और गैंगस्टर संदीप ऊर्फ काला जठेड़ी का नाम लेकर ये कह रहे हैं कि सुशील कुमार को इस गैंगस्टर से जान का खतरा हो सकता है. काला जठेड़ी, विदेश में बैठकर दिल्ली के आसपास के इलाकों में अपना गैंग चला रहा है. दरअसल, जिस पहलवान सागर धनखड़ की मौत हुई है, उसका एक साथी सोनू, काला जठेड़ी का भांजा है. जिस दिन सागर धनखड़ की पीट-पीटकर हत्या हुई थी, उसी दिन सोनू को भी पीटा गया था, जिससे गैंगस्टर काला जठेड़ी नाराज माना जा रहा है.

रिपोर्ट्स बता रहे हैं कि वारदात के बाद से सुशील कुमार न सिर्फ पुलिस से, बल्कि काला जठेड़ी के गुर्गों से भी भागता फिर रहा था.

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