प्रयागराज के माघ मेले में इस्लामिक साहित्य बेचने के आरोप में पुलिस ने सरगना समेत तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों का सरगना प्रयागराज के एक मदरसे का शिक्षक है, जिसने दो हिंदू युवकों का पूर्व में धर्मांतरण कराया और उन्हें मुस्लिम बनाने के बाद उन्हीं के जरिए माघ मेले में इस्लामिक साहित्य की किताबें बटवा रहा था.
शिकायत के बाद पुलिस ने किया गिरफ्तार
मामले में बीजेपी एमएलसी निर्मला पासवान की शिकायत के बाद पुलिस की टीम ने तीनों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार अभियुक्तों के कब्जे से बड़ी संख्या में इस्लामिक साहित्य समेत कई किताबें बरामद हुई है. पुलिस की शुरुआती जांच पड़ताल में पता चला है कि गिरफ्तार अभियुक्त महमूद हसन गाजी लंबे समय से हिंदू धर्म ग्रंथों की गलत व्याख्या कर किताबों को हिंदू धार्मिक स्थलों के साथ ही मेलों में बेचने का काम कर रहा था. इसके लिए उसे दुबई से फंडिंग भी होती थी.
इस गिरोह में शामिल अन्य अभियुक्तों की तलाश में भी पुलिस की टीम जुट गई है. पुलिस अधिकारियों का मानना है कि इस पूरे प्रकरण में एक बड़ा गिरोह शामिल है. जो लंबे समय से हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बनाने के खेल में शामिल है.
वहीं पुलिस गिरफ्त में आए सरगना मौलाना महमूद हसन गाजी ने कहा कि वह वही कर रहा था, जो इस्लाम कहता है. महमूद हसन गाजी ने कहा कि
वह जो किया है, उसका उसे कोई पछतावा भी नहीं है. वह मौलाना है, उसे जो आइडिया आया वही काम कर रहा था.
फिलहाल पुलिस ने सरगना मौलाना महमूद हसन गाजी मोहम्मद मोनिश और समीर उर्फ नरेश को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है. पुलिस अधिकारियों का मानना है कि इस गिरोह में कई लोग शामिल हो सकते हैं. ऐसे में उनके बारे में जांच-पड़ताल की जा रही है, साथ ही विदेशों से हो रही फंडिंग को लेकर भी गहनता से जांच पड़ताल की जाएगी.
जो लोग भी इस रैकेट में शामिल होंगे, उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा. एडिशनल डीसीपी क्राइम सतीश चंद्र ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों को जेल भेजा जा रहा है. कोर्ट से कस्टडी रिमांड पर लेकर दोबारा पूछताछ की जाएगी. जिससे आगे धर्मांतरण के इस पूरे खेल में शामिल अन्य अभियुक्तों को आसानी से गिरफ्तार किया जा सके.
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