राजस्थान (Rajasthan) के करौली जिले में दलित युवती के साथ कथित गैंगरेप के बाद गोली मारकर हत्या का मामला गर्माया हुआ है. गुरुवार, 13 जुलाई को करौली जिले में 19 वर्षीय दलित युवती का शव एक कुएं में मिला था. जिसके बाद प्रदेश में सियासत भी जारी है. बीजेपी जहां इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर है. वहीं कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भी दोषियों के खिलाफ शख्त कार्रवाई की मांग की है.
क्या है पूरा मामला?
द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में मृतका की मां ने जानकारी देते हुए बताया कि ये घटना 11-12 जुलाई की रात की है जब वो अपने चारों बच्चों के साथ घर के बाहर सो रही थी. उन्होंने कहा कि, "दो-तीन लोग आए थे. शोर की आवाज से जब मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि वो लोग मेरी बेटी को जबरन उठाकर ले जा रहे थे. मैंने शोर भी मचाया, लेकिन पड़ोस से कोई हमारी मदद के लिए नहीं आया. कार का इंजन चालू था. उन लोगों ने उसे कार के अंदर धकेला और फरार हो गए."
मृतका की मां ने आरोप लगाते हुए कहा कि, "बेटी के साथ सामूहिक बालात्कार के बाद उसके चेहरे पर तेजाब डाला गया और सीने में गोली मारी गई है."
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, FIR में महिला ने कहा है कि पड़ोसियों ने कूलर और पंखे की आवाज की वजह से शायद चीख-पुकार नहीं सुनी होगी. इसके साथ ही बताया कि अंधेरे की वजह से वह किसी आरोपी का चेहरा ठीक से नहीं देख पाईं.
जानकारी के मुताबिक, मृतका बीए की छात्रा थी. उसकी दो बहनें हैं और एक भाई है. सभी नाबालिग हैं. पिता पिछले छह साल से दुबई में मजदूरी कर रहे हैं.
'पुलिस ने FIR दर्ज करने से किया इनकार'- आरोप
मृतका के परिजन ने पुलिस पर FIR दर्ज नहीं करने का आरोप भी लगाया है. द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार, 12 जुलाई को जब युवती का कोई पता नहीं चला तो रिश्तेदार शिकायत दर्ज कराने के लिए शाम को थाने पहुंचे थे.
परिजन ने कहा कि, "पुलिस ने उन्हें अगली सुबह तक यह कहते हुए इंतजार करने के लिए कहा कि लड़की घर लौट आएगी. वहीं उन्होंने FIR दर्ज करने से भी इंकार कर दिया और साथ-साथ धमकी भी दी."
गुरुवार को युवती का शव घर से 7 किलोमीटर दूर एक कुएं में मिला. इसके बाद स्थानीय पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 174 के तहत अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया. प्रथम दृष्टया, पुलिस ने माना कि लड़की की डूबने से मौत हुई है.
पोस्टमॉर्टम में क्या निकला?
प्रधान चिकित्सा अधिकारी पुष्पेंद्र गुप्ता के मुताबिक, गुरुवार शाम 5 से 7 बजे के बीच हिंडौन के सरकारी अस्पताल में मृतका का पोस्टमॉर्टम किया गया.
गुरुवार को ही बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ी मीणा हिंडौन पहुंचे और उनकी मांग पर उसी दिन दोबारा पोस्टमॉर्टम भी हुआ.
पहले पोस्टमॉर्टम की जानकारी देते हुए पीएमओ गुप्ता ने कहा, “सीने पर हथियार के चोट के निशान की पुष्टि हुई है. शरीर से एक गोली भी निकाली गई. चेहरा और हाथ जले हुए थे, मानो एसिड डाला गया हो. इसके साथ ही रेप की जांच भी की गई. इनकी पुष्टि संरक्षित नमूनों के विश्लेषण के बाद ही की जा सकती है."
वहीं दूसरे पोस्टमार्टम के लिए जिला कलेक्टर के आदेश पर एक अलग टीम का गठन किया गया था. तीन डॉक्टरों की टीम करौली जिला मुख्यालय से आए थे. परिवार के आग्रह के बाद दूसरे पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी भी कराई गई थी.
हालांकि परिवार ने दावा किया कि पोस्टमॉर्टम की पूरी जानकारी उन्हें नहीं दी गई. इस पर पीएमओ गुप्ता ने कहा कि उन्होंने पहले पोस्टमार्टम के बाद ही परिवार को लड़की के शरीर से एक गोली मिलने, एसिड अटैक और बलात्कार की संभावना के बारे में जानकारी दी थी.
पुलिस ने हत्या और गैंगरेप का मामला दर्ज किया
मामले में पुलिस ने मृतका की मां की ओर से लिखित शिकायत मिलने के बाद IPC की धारा 302 (हत्या), 376D (गैंगरेप), 326A (तेजाब के उपयोग से जानबूझकर गंभीर चोट पहुंचाना), 363 (अपहरण) और धारा 366 के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है.
सूबे में सियासत तेज
वहीं इस मामले को लेकर प्रदेश में सियासत भी हो रही है. बीजेपी, बीएसपी, आम आदमी पार्टी राज्य सरकार पर हमलावर है. हिंडौन में इन पार्टियों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग करते हुए धरना-प्रदर्शन भी किया.
शुक्रवार को बीजेपी की तीन सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने पीड़ित परिवार से भी मुलाकात की. इस कमेटी में राजसमंद से लोकसभा सांसद दीया कुमारी, भरतपुर से लोकसभा सांसद रंजीता कोली और राजस्थान राज्य महिला आयोग की पूर्व प्रमुख सुमन शर्मा शामिल हैं.
इसके साथ ही कमेटी के सदस्यों ने डीजीपी से भी मुलाकात की है और मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है.
वहीं कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने ट्वीट किया, "इस बेहद संवेदनशील मामले की गहराई से प्रशासन को जांच करनी चाहिए और दोषियों पर कठोर से कठोर कार्रवाई कर न्याय दिलाना चाहिए."
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुक्रवार शाम तक प्रशासन और पीड़ित परिवार के बीच गतिरोध बना हुआ था. पीड़ित परिवार दोषियों की जल्द गिरफ्तारी, मुआवजे और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही लापरवाह पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की गई है.
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