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हैदराबाद रेप केस की जल्द सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट को मंजूरी

हैदराबाद में हुई हैवानियत के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहा है.

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हैदराबाद में हुई हैवानियत के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहा है. वेटरनरी डॉक्टर के रेप और हत्या के मामले में अब महबूबनगर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में स्पेशल कोर्ट बनाई जाएगी, जिससे जल्द से जल्द इंसाफ मिल सके.

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इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने कुछ मीडिया हाउसों द्वारा हैदराबाद रेप पीड़िता की पहचान उजागर करने के खिलाफ केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. इस मामले में दायर याचिका में मीडिया हाउसों पर वेटनरी डॉक्टर की पहचान उजागर करने पर कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है.

इंडियन पीनल कोड की धारा 228A के तहत किसी भी रेप समेत कुछ जुर्म में पीड़ित की पहचान उजागर करने पर अधिकतम दो साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है.

क्या है मामला?

हैदराबाद में वेटनरी डॉक्टर का रेप और हत्या के बाद पूरे देश में गुस्सा था. सड़कों से लेकर सोशल मीडिया पर लोग डॉक्टर की फोटो और नाम लिखकर न्याय की गुहार लगा रहे थे. इस गिनती में मीडिया हाउस भी शामिल थे जिन्होंने वेटनरी डॉक्टर की पहचान उजागर की थी. और सोशल मीडिया पर पीड़िता के नाम का हैशटेग शेयर किया था.

27 नवंबर को हैदराबाद के बाहरी इलाके में बुधवार की रात टू-व्हीलर ठीक कराने का इंतजार कर रही एक महिला वेटनरी डॉक्टर की कुछ लोगों ने रेप कर हत्या कर दी थी. उसके बाद उसे जला दिया था.

इस मामले में हैदराबाद पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. चारों पर हैदराबाद के पास शमशाबाद टोल प्लाजा पर 27 साल की वेटनरी डॉक्टर से रेप कर हत्या का आरोप है. 20 साल के जोलू शिवा, जोलू नवीन (20), मोहम्मद आरिफ (26) और चिंताकुंता चेन्नाकेशावुलु (20) को मामले में आरोपी बनाया गया है. चारों नारायणपेट जिले के रहने वाले हैं और ट्रकों में काम करते हैं. उनपर IPC की धारा 302 (हत्या), 375 (बलात्कार) और 362 (अपहरण) का मामला दर्ज किया गया है.

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