तीन तलाक के कानून बनने के बाद पहला मामला उत्तर प्रदेश के मथुरा से आया है. यहां एक शख्स के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. मथुरा के कोसीकलां कस्बे की रहने वाली महिला जुमरत को हरियाणा के इकराम ने सुलहनामा की कोशिशों के दौरान ही थाने के गेट पर तीन तलाक बोल दिया.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शलभ माथुर ने बताया, ‘‘इस घटना के बाद पीड़िता की मां ने शिकायती पत्र देकर पुलिस से इंसाफ की गुहार की थी. उसका आरोप है कि उसने 2.5 साल पहले अपनी दो बेटियों जुमरत और सन्नो का निकाह मेवात जिले के रहने वाले इकराम और उसके छोटे भाई के साथ किया था. जुमरत को तो तभी विदा कर दिया गया था जबकि सन्नो छोटी होने के कारण मायके में रह रही थी.’’
उन्होंने बताया, ‘‘आरोप है कि शादी के बाद से ही इकराम और उसके घर वाले दहेज में एक लाख रुपया की मांग करने लगे थे और रुपया न मिलने पर जुमरत को प्रताड़ित कर रहे थे. इसलिए कुछ समय पूर्व जुमरत ससुराल से आकर मायके में ही रहने लगी. एक हफ्ते पहले ही उसने पति के खिलाफ दहेज के लिए मारने-पीटने और प्रताड़ित करने का मुकदमा कोसीकलां थाने में दर्ज कराया था.’’
सुलह की कोशिशें हुईं नाकाम
दोनों पक्ष के लोगों को सुलहनामे के लिए जिला मुख्यालय के महिला थाने पर 30 जुलाई को बुलाया गया था. चार घंटे की जद्दोजहद के बाद भी मामला नहीं निपटा. बल्कि इकराम धमकी दे गया कि जब तक जुमरत उसे एक लाख रुपया नहीं देगी, वो उसे घर में नहीं घुसने देगा. इसके बाद उसने थाने के गेट पर ही ‘तलाक-तलाक-तलाक’ बोला और चला गया.
कानून बनने के बाद जांच शुरू
एसपी (सिटी) अशोक कुमार मीणा ने बताया, ‘‘बुधवार को तीन तलाक के खिलाफ कानून बन जाने के बाद शिकायत मिलने पर मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 और IPC की धारा 323, 504 और 3/4 के तहत दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरु कर दी गई है.’’
एसएसपी को दिए शिकायती पत्र में पीड़िता की मां ने ये भी आरोप लगाया है कि इस घटनाक्रम के तुरंत बाद जब उन्होंने महिला थाना को बताया तो उनकी रिपोर्ट दर्ज करने के बजाय उन्हें डांटकर भगा दिया गया.
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