प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal Murder Case) के बाद पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है. माफिया सरगना अतीक अहमद के खिलाफ कार्रवाई के क्रम में चकिया इलाके में बांदा के रहने वाले जिस पत्रकार जफर अहमद के मकान को ध्वस्त किया गया है उसका बयान अब सामने आया है.
मीडिया संस्थानों को भेजे वीडियो में जफर अहमद ने इस मकान की खरीदारी, अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को मकान किराए पर देने और बिना नोटिस मकान ध्वस्त किए जाने पर अपना पक्ष रखा है.
मीडिया को बयान भेजकर रखा अपना पक्ष
मीडिया को भेजे वीडियो में जफर अहमद ने कहा है कि जनवरी 2021 में उसके बहनोई खान सौलत हनीफ एडवोकेट के कहने पर उसने अपनी पत्नी के गहने बेचकर, अपनी सारी जमा पूंजी इकट्ठा कर और आधी से ज्यादा रकम अपने बहनोई से उधार लेकर इस मकान को खरीदा था. मकान के खरीदने के फौरन बाद से उनके बहनोई सौलत हनीफ खान ने ही इस मकान को शाइस्ता परवीन को किराए पर दिया था, जिस वक्त शाइस्ता परवीन का मकान किराए पर दिया गया था उस समय उनका कोई अपराधिक इतिहास भी नहीं था.
उमेश पाल हत्याकांड के बाद इस मकान को ध्वस्त कर दिया गया. जफर अहमद का कहना है कि मकान खरीदने के बाद पिछले 2 सालों में वह कभी इस मकान को देखने भी नहीं गया और इस मकान की चाबी और दस्तावेज भी उनके बहनोई सौलत हनीफ खान ही रखते थे.
जफर अहमद ने ये भी बताया कि इस मकान के लिए उसने अपने बहनोई सौलत हनीफ खान से कर्ज ले रखा था, जिसके चलते उनके किसी भी फैसले को वह आर्थिक दबाव में मानने पर मजबूर रहा. वीडियो में जफर अहमद ने बांदा जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन से अपनी जांच कराए जाने की अपील की है.
ध्वस्तीकरण के दौरान ही पता चल गया था कि अतीक अहमद की पत्नी का नहीं है मकान
बुधवार, 2 मार्च को भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में पीडीए ने चकिया क्षेत्र के कसारी मसारी मोहल्ले में जिस मकान में पिछले 2 साल से अतीक अहमद की पत्नी और परिवार रह रहे थे उसे ध्वस्त कर दिया था.
गिराने के दौरान ही पता चला था कि ये मकान न तो बेनामी था और न ही अतीक अहमद की पत्नी का, बल्कि ये बांदा के रहने वाले पत्रकार जफर अहमद ने जनवरी 2021 में खरीदा था.
एक तरफ मीडिया में पत्रकार जफर अहमद का नाम सामने आया था, वहीं बांदा में पुलिस प्रशासन भी जफर अहमद के पुश्तैनी मकान और उनकी बहनों के मकानों में छापेमारी और पूछताछ करने पहुंचा था.
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