उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के चंदौली (Chandauli) जिले के टड़िया गांव में मंगलवार को एक दलित की रिहायशी झोपड़ी को कुछ लोगों ने आग के हवाले कर दिया. झोपड़ी में रहने वाले निवासी ने आरोप लगाया है और कहा कि दबंगों ने उसके ससुर को मारने के लिए खेत में दौड़ा लिया, लेकिन वह बच गए.
शिकायतकर्ता सुशीला देवी ने दावा किया कि आग लगने से झोपड़ी में रखे बर्तन, बिस्तर, खाना और कुल तीन लाख रुपए की नकदी जल गई है.
पीड़िता सुशीला देवी ने बताया कि उसके ससुर रामचंदर रिहायशी झोपड़ी में रहते थे. जो अपनी कमाई का पैसा और अनाज अपने पास रखते थे. मंगलवार को जब सुशीला दवा लेने के लिए अस्पताल गई थी तभी कुछ लोगों ने वहां आग लगा दी. इसके चलते उनकी चारपाई, बिस्तर, आनाज और तीन लाख नकदी आग के हवाले हो गई.
सुशीला ने आरोप लगाया कि संतोष सिंह, चंदन सिंह और शुभम सिंह दो अन्य लोगों के साथ वहां पर आए और झोपड़ी को आग के हवाले कर दिया. यही नहीं कुछ लोगों ने महिला के ससुर को मारने के लिए खेत में दौड़ा लिया. रामचंदर के साथ हुई मारपीट का आरोप भी महिला ने लगाया है.
बबुरी थाना प्रभारी अतुल कुमार से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि मामले में पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया है और आरोपियों पर एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है.
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