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बजट 2020 का गुड और बैड, 3 एक्सपर्ट से जानिए

एक्सपर्ट्स के मुताबिक विनिवेश,टैक्स छूट और टैक्स टेरर खत्म करने के ऐलान अच्छे कदम लेकिन इकनॉमी के लिए ठोस उपाय नदारद

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वीडियो एडिटर: संदीप सुमन

बजट 2020 पर कई एक्सपर्ट्स ने अपनी राय रखी है. 'द क्विंट' ने बजट पर मार्सेल्स इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के फाउंडर सौरभ मुखर्जी, अमेरिकी निवेशक अनुराग सिंह और एसबीआई की पूर्व चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य से बातचीत की. आइए जानते हैं उनकी राय.

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‘बजट में छोटी टैक्स छूट भी मिडिल क्लास के लिए बड़ी राहत’

सौरभ मुखर्जी ने बजट के बड़े प्रावधानों की ओर ध्यान दिला कर इसे बेहतर बजट करार दिया. उन्होंने डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स खत्म करने और विनिवेश के बड़े ऐलान की तारीफ की. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार ने मिडिल क्लास को भी छोटी सी टैक्स छूट देकर खुश करने की कोशिश की है. आज के मंदी के दौर में यह छूट भी मिडिल क्लास के लिए मायने रखता है.

उन्होंने कहा कि सरकार कोई जबरदस्ती नहीं कर रही है. जिन्हें पसंद होगा वह नए स्लैब में आएंगे. इससे लोगों को पांच से दस हजार रुपये तक फायदा हो सकता है और मिडिल क्लास के लिए छोटी राहत नहीं है. हालांकि उन्होंने यह कहा कि सरकार को एनबीएफसी के इको-सिस्टम पर ध्यान देना होगा. साथ ही पीएसयू बैंकों की स्थिति सुधारने पर जोर देना होगा.

एसबीआई सेक्टर के लिए की गई घोषणाओं की अरुंधति भट्टाचार्य ने तारीफ की. उन्होंने कहा कि डिपोजिट इंश्योरेंस को एक लाख रुपये से बढ़ा कर पांच लाख रुपये करना अच्छा कदम है. इससे उन लोगों का भरोसा बढ़ेगा जो बैंकों में पैसा रखने से डर रहे थे.

अरुंधति भट्टाचार्य ने कॉरपोरेट बॉन्ड में एफपीआई निवेश सीमा दस फीसदी से बढ़ा कर पंद्रह फीसदी करने की भी तारीफ की. उनका कहना था कि इससे प्रोजेक्ट्स फाइनेंसिंग के लिए फंड इकट्ठा करने में सुविधा होगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने बजट पार्ट 'ए' में ऐसे कई रचनात्मक कदम उठाने का ऐलान किया है, जिससे इकनॉमी को बेहतर दिशा में मिल सकती है.

‘बजट में इकनॉमी को मजबूत करने का रोड मैप नहीं’

वहीं अमेरिकी निवेशक अनुराग सिंह ने कहा है कि सराकार न टैक्स मुकदमे खत्म करने की दिशा में अच्छा ऐलान किया है. सरकार ने कहा है कि टैक्स टेरर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा . बजट में पांच लाख टैक्स मुकदमे खत्म करने का ऐलान किया है. कहा गया है कि अगले छह महीनों में अगर टैक्स अदा कर दिए जाएं तो ये मुकदमे खत्म कर दिए जाएंगे.

हालांकि उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य पर बजट पर सिर्फ 3 फीसदी खर्च करने के ऐलान को निराशाजनक करार दिया. उन्होंने कहा कि बजट में इकनॉमी को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए था. ऐसा कोई रोडमैप बजट मे नहीं दिखा. उन्होंने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करने का ऐलान किया है लेकिन पैसा कहां से आएगा.

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