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BPSC की 'डर्टी पिक्चर': 67वीं परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप तो महज ट्रेलर है

BPSC के वर्तमान और इतिहास से चौपट हो रहा बिहार के छात्रों का भविष्य

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BPSC: मंगलवार 22 नवंबर को पटना के बेली रोड स्थित बीपीएससी (BPSC) ऑफिस के बाहर बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन की तैयारियां कर रहे अभ्यर्थियों ने जोरदार प्रदर्शन किया. BPSC की तैयारियां कर रहे अभ्यर्थियों ने आयोग पर आरोप लगाया है कि पिछले दिनों जो 67वीं बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन की प्रीलिम्स की परीक्षा हुई उसमें जबरदस्त धांधली हुई है.

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क्या है BPSC अभ्यर्थियों की मांग

अभ्यर्थियों ने मांग की है कि, 67वीं परीक्षा में जो पेपर लीक हुए हैं उसकी सीबीआई (CBI) जांच कराई जाए और साथ ही बीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक सह सचिव अमरेंद्र कुमार को बर्खास्त किया जाए. इसके अलावा 6-7 प्रश्नों का उत्तर गलत दिया गया उसकी फिर से जांच की जाए और सभी कैटेगरी में कट ऑफ कम कर रिजल्ट दिया जाए और आने वाले बहाली में रिजल्ट से पहले आंसर की जारी किया जाए.

पैनल करेगा BPSC 67वीं पीटी के गलत आंसर की जांच

इधर, BPSC के अधिकारियों ने कैंडिडेट्स के प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए बुलाया जिसके बाद अभ्यर्थियों के इस प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे छात्र नेता दिलीप कुमार अभ्यर्थियों का ज्ञापन लेकर आयोग के अध्यक्ष से मिले.

अधिकारियों के साथ वार्ता कर लौटे राष्ट्रीय छात्र एकता मंच के अध्यक्ष दिलीप कुमार ने कहा कि अभ्यार्थियों के मुद्दों को अध्यक्ष के सामने रखा गया है. अध्यक्ष ने आश्वासन दिया है कि बुधवार को एक्सपर्ट की टीम बैठेगी जो सभी प्रश्न पर विचार करेगी और बीपीएसी की आगामी परीक्षाओं में रिजल्ट के पहले आंसर की जारी किया जाएगा.
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पेपर लीक के बाद रद्द की गई थी प्रारंभिक परीक्षा

बता दें कि बीपीएसी ने 67 वीं संयुक्त प्रतियोगी प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम बीते 18 नवंबर को जारी किए गए हैं. 67वीं प्रारंभिक परीक्षा सबसे पहले 8 मई, 2022 को आयोजित की गई थी, लेकिन आरा कुवंर सिंह परीक्षा केंद्र पर पेपर लीक का मामला सामने आया था जिसके कारण परीक्षा रद्द कर दी गई थी. बाद में 30 सितंबर, 2022 को आयोजित की गई.

क्यों बार-बार छात्र करते हैं आंदोलन

ये पहली बार नहीं जब बीपीएसी सवालों के घेरे में है. लगभग हर परिणाम में यही देखने को मिलता है. और ये हाल सिर्फ बीपीएसी का नहीं है. कुछ सालों की बात करें तो बिहार में ना समय पर वैकेंसी निकलती है, ना परीक्षा होती है और न ही परिणाम निकलते हैं. लगभग हर बार बहाली प्रक्रिया में छात्रों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है. इंतजार से तंग आकर छात्र आंदोलन करते हैं तो उनपर लाठियां बरसाई जाती हैं.

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8-10 साल की देरी

साल 2014 में बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने 13120 पदों के लिए बीएसएससी प्रथम इंटर स्तरीय वैकेंसी निकाली थी. लगातार आठ सालों तक छात्रों ने संघर्ष किया जिसके बाद यह प्रक्रिया साल 2022 में पूरी हुई. वहीं साल 2011 में बिहार में होमगार्ड की बहाली आई थी. इस बहाली के तहत पटना, बांका, भागलपुर सहित अन्य जिलों में होमगार्ड की बहाली होनी थी. लेकिन 10 साल बीत जाने के बाद भी प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो पाई. बिहार कर्मचारी आयोग ने तृतीय स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा का विज्ञापन अप्रैल माह में जारी किया था, लेकिन अबतक प्रारंभिक परीक्षा नहीं हुई.

पिछले दो तीन महीनों में पटना की सड़कों ने शिक्षक पदों पर बहाली के लिए प्रदर्शन देखे. अगस्त में हुए प्रदर्शन में अभ्यर्थियों की पिटाई भी हुई.

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