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महंगाई की मार: रेस्तरां 15%-20% बढ़ाएंगे खाने का दाम, सर्विस चार्ज पर रोक एक वजह

Food Inflation: खाना बनाने की सामग्री में लगने वाला खर्च बढ़ गया है इसलिए रेस्तरां खाने के दाम बढ़ाने को मजबूर हैं.

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महंगाई (Food Inflation) की वजह से कई चीजों के दामों में बढ़ोतरी हो गई लेकिन जो आप बाहर किसी होटल या रेस्तरां में जाकर खाना पंसद करते हैं या बाहर से खान मंगाने के शौकीन हैं तो वो अब और महंगा हो रहा है. कई रेस्तरां के मालिकों ने मेन्यू में दी गई डिश के दाम बढ़ा दिए हैं वहीं कई मालिक अब ऐसा करने की ओर हैं.

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फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FHRAI) के जॉइंट हॉनररी सेक्रेटरी प्रदीप शेट्टी ने कहा कि, “हमने औसतन फूड की कीमतों में 10-15 प्रतिशत की वृद्धि की है. जबकि कुछ ने पहले ही उच्च कीमतों को लागू कर दिया है अन्य ऐसा करने की प्रक्रिया में हैं." उन्होंने कहा कि एग्रिकल्चरल प्रोडक्ट हो, पैकेज्ड फूड हो या गैस हर चीज के दाम बढ़ गए हैं इसलिए हम भी दामों को बढ़ाने के लिए मजबूर हैं.

वेल्लोर स्थित होटल डार्लिंग रेजीडेंसी के एमडी एम वेंकडासुब्बू ने कहा, डिश बनाने में लगने वाले सामन की कीमतों में कम से कम 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. लेकिन हम कीमतों में 10-15 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि नहीं कर सकते हैं.

प्रदीप शेट्टी ने कहा कि, महंगाई तो पिछले नौ महीनों से पीछे पड़ी है, लेकिन कोरोना महामारी के दौरान हमें बहुत नुकसान हुआ है. कोरोना की दूसरी लहर के बाद जब से रेस्तरां खोले गए हैं से सभी कीमतों में बढ़ोतरी करने से हिचक रहे थे क्योंकि सभी को डर था ऐसा करने से रिकवरी होना भी मुश्किल होगा, इसलिए शुरू में सभी ने खर्च वहन किया. लेकिन अब सभी कीमतें बढ़ाने के लिए मजबूर हैं.

FHRAI के उपाध्यक्ष और मुंबई स्थित प्रीतम ग्रुप ऑफ होटल्स के जॉइंट एमडी कोहली ने बताया कि खाना बनाने में जो सामान लगता है उसकी जितनी किमत बढ़ गई है वो पूरी कीमत ग्राहकों से वसूली नहीं जा सकती केवल 50 फीसदी बोझ ही ग्राहकों पर डाला जा सकता है.

उन्होंने आगे बताया कि, रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ने के बाद से रिफाइंड तेल की कीमतों में 100 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, पिछले 2 सालों में कमर्शियल एलपीजी की कीमतों में 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

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रेस्तरां को सर्विस चार्ज न वसूलने की नसीहत 

इतना ही नहीं इसके अलावा रेस्तरां को सर्विस चार्ज न वसूलने की सलाह दी गई है. बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक, सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने 4 जुलाई को निर्देश दिया था कि होटल और रेस्तरां को ग्राहक की सहमति के बिना खाने के बिल में सर्विस चार्ज (5 फीसदी से 18 फीसदी तक) जोड़ने की अनुमति नहीं है.

रेस्तरां के मालिकों ने कहा कि इस कदम के बाद वे कीमतें बढ़ाने के लिए मजबूर होंगे. सीसीपीए ने सभी राज्यों को आदेश का सख्ती से क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए कहा है, जबकि उपभोक्ताओं को किसी भी उल्लंघन के मामले में शिकायत दर्ज करने का अधिकार दिया है.

कोहली का कहना है कि होटल और रेस्तरां एसोसिएशन इस मामले पर कानूनी राय लेगा. उनका दावा है कि कोई भी होटल या रेस्तरां उपभोक्ताओं को सर्विस चार्ज का भुगतान करने के लिए मजबूर नहीं कर रहा है.

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