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गाजियाबाद वायरल वीडियो केस में स्वरा भास्कर के खिलाफ शिकायत दर्ज 

वकील अमित आचार्य ने स्वरा भास्कर, पत्रकार आरफा, ट्विटर इंडिया के प्रमुख और आसिफ खान के खिलाफ शिकायत दर्ज 

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उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित लोनी में एक मुस्लिम बुज़ुर्ग की पिटाई का वीडियो वायरल हो रहा था, इस वीडियो को लेकर ऐसा बताया गया कि इसमें बुज़ुर्ग को सिर्फ मुस्लिम होने की वजह से पीटा जा रहा था. खबरों के मुताबिक अब्दुल समद सैफी जो की वायरल वीडियो क्लिप में नजर आ रहे हां, उन्हें बेरहमी से पीटा गया और उनकी दाढ़ी को जबरदस्ती काट दिया गया.

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अब इस मामले में कथित रूप से फर्जी खबरें फैलाने के आरोप में दिल्ली के एक वकील अमित आचार्य ने अभिनेत्री स्वरा भास्कर, पत्रकार आरफा खानम शेरवानी, ट्विटर इंडिया के प्रमुख मनीष माहेश्वरी और मोहम्मद आसिफ खान के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है.

शिकायत दिल्ली के तिलक मार्ग पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई थी. अभी एफआईआर दर्ज होनी बाकी है. इस बीच पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.

इससे एक दिन पहले उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पुलिस ने ट्विटर, द वायर, राणा अय्यूब, मोहम्मद जुबैर, डॉ शमा मोहम्मद, सबा नकवी, मस्कूर उस्मानी और सलमान निजामी सहित नौ संस्थाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. 

इस एफआईआर में कहा गया है कि, "इन सभी लोगो ने ट्विटर पर घटना को सांप्रदायिक रंग देना शुरू कर दिया और अचानक शांति भंग करने और धार्मिक समुदायों के बीच मतभेद लाने के लिए संदेश फैलाना शुरू कर दिया." गाजियाबाद पुलिस ने एफआईआर में ट्विटर को इसलिए जोड़ा क्योंकि वीडियो को वायरल होने से रोकने के लिए ट्विटर ने कोई कदम नहीं उठाया.

बुधवार 16 जून को दर्ज शिकायत में, शिकायतकर्ता ने दावा किया कि स्वरा भास्कर, खानम और आसिफ खान ने अपने ट्विटर हैंडल के माध्यम से नागरिकों के बीच नफरत फैलाना शुरू किया था.

आचार्य इंडियन पीनल कोड, में दंगा भड़काने के इरादा रखने और एक समूह की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचने के प्रावधानों के तहत उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग कर रहे हैं.

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द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक अमित आचार्य ने अपनी शिकायत में कहा है, "इस तथ्य को जानते हुए कि उनके ट्वीट्स का समाज पर प्रभाव पड़ता है, वे घटना की सच्चाई की जांच किए बिना घटना को सांप्रदायिक रंग देते हैं."

“संबंधित ट्वीट सोशल मीडिया पर धार्मिक समूहों के बीच शांति और सद्भाव को बाधित करने के उद्देश्य से जारी किए गए थे.”
अमित आचार्य

आचार्य कथित रूप से झूठे ट्वीट्स को हटाने में विफल रहने के लिए ट्विटर के खिलाफ भी एआईआर की मांग कर रहे हैं.

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