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गोवा में 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट, कांग्रेस की अपील पर SC का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस से पूछा, अगर संख्या बल था तो राज्यपाल के पास क्यों नहीं गए?

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गोवा में बीजेपी के सरकार बनाने और सीएम के तौर पर मनोहर पर्रिकर के शपथ लेने को लेकर सियासत गरमा गई है. इस मामले को लेकर कांग्रेस की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कांग्रेस को फटकार लगाई. कोर्ट ने कांग्रेस को कहा कि अगर उनके पास संख्या बल था तो वह सरकार बनाने का प्रस्ताव लेकर राज्यपाल के पास क्यों नहीं गए?

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16 मार्च को होगा फ्लोर टेस्ट

गोवा में सरकार बनाने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने जल्‍द से जल्‍द शक्ति प‍रीक्षण कराने का आदेश दिया है. कोर्ट ने 16 मार्च को फ्लोर टेस्‍ट कराने को कहा है. सरकार की ओर से कहा गया था कि गुरुवार(16 मार्च) से पहले फ्लोर टेस्‍ट नहीं कराया जा सकता. इससे पहले कोर्ट ने बीजेपी से कहा है कि वह विधानसभा में अपना बहुमत साबित करे.

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?

सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, “अगर आप पहले गवर्नर के पास अपने संख्याबल के साथ जाते और फिर सुप्रीम कोर्ट आते तो हमारे लिए फैसला लेना आसान होता.”

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आपके पास संख्याबल था तो आपको पहले गवर्नर के पास जाना चाहिए था.

कांग्रेस का क्या है तर्क?

सरकार बनाने को लेकर छिड़ी आपसी खींचतान के बीच कांग्रेस का कहना है कि उनकी पार्टी ने सबसे ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की है. लिहाजा सरकार बनाने का मौका उन्हें मिलना चाहिए. कांग्रेस ने यह भी साफ किया कि अगर बीजेपी को सरकार बनाने का मौका दिया जाता है तो इससे विधायकों की खरीद-फरोख्त को बढ़ावा मिलेगा.

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