केंद्र सरकार की नौकरियों में सामान्य वर्ग के गरीब तबके के लिए 10 फीसदी आरक्षण 1 फरवरी से लागू हो जाएगा. डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (DoPT) ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिया है. 1 फरवरी से केंद्र सरकार की जो भी नौकरियां निकलेंगी, उनमें 10 फीसदी आरक्षण लागू होगा. आदेश के मुताबिक, सालाना आठ लाख रुपये से कम इनकम वाले परिवारों के अभ्यर्थियों को इस आरक्षण का लाभ मिलेगा.
सभी मंत्रालयों और विभागों के सचिवों को भेजे गए पत्र में आरक्षण के प्रावधानों के संविधान संशोधन और तय किए गए नियम और शर्तों की जानकारी दी गई है. आरक्षण लागू करने के निर्देश सभी मंत्रालयों, विभागीय सचिवों, वित्तीय सेवा विभाग, सार्वजनिक उपक्रमों और रेलवे बोर्ड को दे दिए गए हैं.
क्या हैं पात्रता की शर्तें?
- आरक्षण का लाभ वही परिवार उठा पाएंगे, जिनकी सालाना आमदनी 8 लाख रुपये से कम होगी
- किसान वर्ग में जिनके पास 5 एकड़ से कम खेती की जमीन होगी
- शहर में 1000 स्क्वायर फीट से कम का फ्लैट
- 100 स्क्वायर यार्ड से कम का रिहायशी फ्लैट
आरक्षण का दावा करने वाले परिवार की इनकम और इनकम सर्टिफिकेट प्रमाणित करने वाले अधिकारी की रैंक तहसीलदार से कम नहीं होनी चाहिए. अधिकारी को उपलब्ध कराए गए सभी दस्तावेजों की सावधानी से जांच करनी होगी.
10 फीसदी आरक्षण पर ये राज्य लगा चुके हैं मुहर
- उत्तर प्रदेश
- गुजरात
- हिमाचल प्रदेश
- झारखंड
उच्च शिक्षा में आने वाले सत्र से लागू होगा 10 फीसदी आरक्षण
उच्च शिक्षा में सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के लिए 10 फीसदी आरक्षण अगले शैक्षिक सत्र (2019-20) से लागू होगा. यह आरक्षण निजी और सरकारी उच्च शिक्षा संस्थानों में दिया जाएगा. सामान्य वर्ग के गरीबों को दिए जाने वाले इस 10 फीसदी आरक्षण का कोई भी असर अनुसूचित जाति-जनजाति के मौजूदा आरक्षण पर नहीं पड़ेगा. वह पहले की ही तरह बना रहेगा.
एचआरडी मिनिस्ट्री के मुताबिक, यह आरक्षण देश के करीब 40 हजार कॉलेजों और 900 विश्वविद्यालयों में लागू होगा.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)