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खेलकूद-पढ़ाई की उम्र में बच्चा बना जैन भिक्षु, परिवार काफी खुश है

भव्य अब जैन भिक्षु बन गए हैं. सातवीं में पढ़ने वाले भव्य ने 400-450 जैनमुनियों की मौजूदगी में संन्यास लिया

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गुजरात के बड़े हीरा कारोबारी दीपेश शाह के 12 साल के बेटे भव्य अब जैन भिक्षु बन गए हैं. गुरुवार को सातवीं में पढ़ने वाले भव्य ने 400-450 जैनमुनियों की मौजूदगी में संन्यास लिया. मतलब ये है कि वो सामान्य जिंदगी और अपने परिवार से दूर एक संन्यासी की जिंदगी बिताएंगे. खास बात है कि इस बच्चे के फैसले में उसके परिवार का पूरा समर्थन है और परिवार काफी खुश नजर आ रहा है. संन्यास धारण करने से पहले भव्य ने कहा,

मैं भगवान के दिखाए गए सच्चाई के रास्ते पर चलने में खुश हूं. मैं अपने माता-पिता को त्याग रहा हूं, उन्होंने ही मुझे सच के रास्ते पर चलना सिखाया था. मुझे भरोसा है कि वो लोग भी इस रास्ते पर जरूर आएंगे.
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खैर, 7वीं में पढ़ने वाले भव्य को जिस उम्र में खेलकूद और किताबों पर अपना ध्यान लगाना चाहिए, वो 'भगवान के रास्ते' पर चल पड़े हैं, संन्यासी बन गए हैं. ये फैसला खुद भव्य ने ही लिया है. इससे पहले उनकी बड़ी बहन ने भी ठीक इसी उम्र में संन्यास ले लिया था, और उस वक्त भी बच्ची के माता-पिता काफी खुश थे.

संन्यास से पहले धूमधाम से निकली थी यात्रा

संन्यास से पहले पूरी साज-सज्जा के साथ भव्य की शोभा यात्रा निकाली गई थी. इस दौरान बड़ी-बड़ी और महंगी गाड़ियों के बीच भव्य एक राजकुमार की तरह तैयार दिख रहे थे.

पहले भी गुजरात में ऐसा हो चुका है

पिछले साल 12वीं परीक्षा के नतीजे आने के ठीक बाद वर्शिल शाह नाम के 17 साल के छात्र ने संन्यास ले लिया था. वर्शिल शाह गुजरात के रहने वाले हैं और उन्होंने बोर्ड में 99.9 फीसदी नंबर हासिल किए थे. इसके बावजूद वो आगे पढ़ाई नहीं करना चाहते थे और अध्यात्म के रास्ते पर निकल पड़े.

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