दिल्ली यूनिवर्सिटी के 200 शिक्षकों ने एक बयान जारी कर राजीव गांधी पर पीएम नरेंद्र मोदी की टिप्पणी की निंदा की है. बयान में कहा गया है कि नरेंद्र मोदी ने दिवंगत राजीव गांधी पर खुलेआम अपमानजनक और झूठी टिप्पणी कर पीएम पद की गरिमा घटा दी है.
राफेल पर राहुल के हमले से खफा मोदी ने की थी टिप्पणी
मोदी ने हाल में एक रैली में राफेल का मुद्दा उठाने पर राहुल गांधी की आलोचना की थी. उन्होंने राहुल पर हमला करते हुए कहा था, '' आपके पिता जी को दरबारियों ने मिस्टर क्लीन बना दिया था लेकिन उनके जीवन का अंत भ्रष्टाचारी नंबर 1 के तौर पर हुआ था. ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और चंद्रबाबू नायडू समेत कई नेताओं ने इस बयान के लिए मोदी की खिंचाई की थी.
बयान पर दस्तख्त करने वाली डीयू की प्रोफेसर डॉ. ऋचा राज ने मोदी के बयान की कड़ी निंदा की है. एकेडेमिक काउंसिल की निर्वाचित सदस्य डॉ. राज ने कहा
सार्वजनिक भाषणों में संवैधानिक भाषा में बात करनी चाहिए. तथ्य ठीक होने चाहिए. पंचायती राज के जरिये करोड़ों भारतीयों के घरों के दरवाजे तक लोकतंत्र को पहुंचाने वाले नेता के बारे में भ्रष्टाचारी शब्द का इस्तेमाल के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता
सैम पित्रोदा ने कहा,नरेंद्र मोदी ने हद पार कर दी
बयान को ट्वीट करने वाले सैम पित्रौदा ने कहा है कि इतिहास अच्छे और महान लोगों के कामों को दर्ज करता है लेकिन किसी छोटे शख्स की टिप्पणी पर ध्यान नहीं देता. इससे पहले किसी पीएम ने अपने पूर्ववर्तियों पर ऐसी घटिया टिप्पणी नहीं की होगी, जैसी नरेंद्र मोदी ने की.
डीयू के शिक्षकों के बयान में राजीव गांधी की उपलब्धियों का जिक्र किया गया है. इनमें बोफोर्स तोपों के अधिग्रहण. रेलवे की यात्रा को बेहतर बनाने और आईटी क्रांति में उनके योगदान की तारीफ की गई है. जिन अन्य शिक्षकों ने इस बयान पर दस्तख्त किए हैं उनमें डूटा के पूर्व प्रेसिडेंटड आदित्य नारायण मिश्रा, कोषाध्यक्ष राजेश उपाध्याय और एक्जीक्यूटिव काउंसिल की पूर्व सदस्य रेखा दयाल शामिल हैं.
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