निजामुद्दीन मरकज में वक्फ बोर्ड की के चुने गए 50 लोगों को नमाज अदा करने की इजाजत दी जा सकती है. दिल्ली हाईकोर्ट में निजामुद्दीन मरकज को खोलने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि वक्फ बोर्ड द्वारा चुने गए 50 लोगों को आने वाले त्योहारों में निजामुद्दीन मरकज मस्जिद में नमाज अदा करने की इजाजत दी जा सकती है. उन्होंने कहा कि ये अनुमति तक दी जाएगी जब एक बार उन व्यक्तियों के नाम एसएचओ को दिन कर दिए जाएंगे.
केंद्र सरकार की और से पेश वकील रजत नायर ने कहा कि दिल्ली वक्फ बोर्ड 50 लोगों के नाम तय कर आवेदन के साथ इलाके के थानाध्यक्ष को सौंप दे. केंद्र ने कोर्ट से अपील की है वह ‘शब-ए-बारात’ की छुट्टी के दौरान मस्जिद में कुछ लोगों को प्रार्थना करने की अनुमति देगी.
बता दें कि पिछले साल तबलीगी जमात के एक कार्यक्रम में शिरकत करने वाले सैकड़ों लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद से मरकज बंद है. 29 मार्च की रात को पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों को मरकज से बाहर निकालना शुरू किया था और उन्हें अस्पतालों और क्वारंटीन सेंटर भेजा गया था.
तबलीगी जमात में विदेशी लोगों के साथ ही भारत के हजारों लोगों ने भाग लिया था, जिसके बाद कोरोना वायरस को लेकर निर्धारित मापदंडो का पालन न करने को लेकर पुलिस ने एक एफआईआर भी दर्ज की थी. मरकज के कार्यक्रम में भाग लेने वाले देश के विभिन्न हिस्सों के सैकड़ों लोग कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए थे.
मरकज और इसके आसपास के क्षेत्र को सैनेटाइज करने के लिए इसे 31 मार्च 2020 से बंद कर दिया गया था और इसके बाद इसे खोले जाने की मांग करते हुए याचिका दायर की गई.
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