सुप्रीम कोर्ट ने आधार से सेवाओं को जोड़ने की डेडलाइन 31 मार्च से आगे बढ़ाने का अंतरिम फैसला सुनाया है. कोर्ट का कहना है कि तत्काल पासपोर्ट तक के लिए भी सरकार आधार जरूरी नहीं कर सकती है. बता दें कि बैंक खाते और मोबाइल को आधार से जोड़ने की आखिरी तारीख 31 मार्च थी, अब इस मामले में संविधान पीठ का फैसला आने तक किसी भी तरह की डेडलाइन हटा दी गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश में कहा आधार को लिंक कराने के लिए जोर मत डालिए, सिर्फ सब्सिडी के लिए ही आधार अभी जरूरी होगा. कोर्ट की 5 जजों की संविधान बेंच ने ये आदेश दिया था. इससे पहले कोर्ट ने 15 दिसंबर की डेडलाइन बढ़ाकर 31 मार्च की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही दे दिए थे संकेत
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली 5 मेंबर्स की संविधान पीठ ने 7 मार्च को ही इसके संकेत देते हुए कहा था कि आधार कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 31 मार्च तक फैसला करना संभव नहीं है. इससे पहले, पीठ ने कहा था कि इस मामले का असर बैंक और स्टॉक एक्सचेंज जैसी फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन पर भी पड़ेगा, और अगर अंतिम समय में समय सीमा बढ़ाई गयी तो इसको लागू करने में कई दिक्कतें आएंगी. बता दें कि कोर्ट ने पिछले साल 15 दिसंबर को सेवाओं और योजनाओं को आधार से जोड़ने की समय सीमा 31 मार्च तक बढ़ा दी थी.
कर्नाटक हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस के एस पुत्तास्वामी ने 22 फरवरी को कोर्ट से कहा था कि आधार पर आधारित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) की खामियों के कारण भुखमरी की वजह से अनेक मौत होने की खबर है और कोर्ट को ऐसे परिवारों को मुआवजा देने के बारे में विचार करना चाहिए.
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