दिल्ली विधानसभा में राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने के कथित प्रस्ताव पर विवाद गहरा गया है. पार्टी की विधायक अलका लांबा इस प्रस्ताव के विरोध में सदन से वॉकआउट कर गईं. इसके बाद खबर आई कि पार्टी से उनकी छुट्टी कर दी गई है. हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है. सूत्रों के मुताबिक अलका लांबा से कोई इस्तीफा नहीं लिया गया है. उनकी प्राथमिकता सदस्यता भी बरकरार है. हालांकि आम आदमी पार्टी के एक और विधायक सोमनाथ भारती के खिलाफ कार्रवाई की खबरें हैं.
अलका लांबा ने ट्वीट कर इस मसले पर अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा है, राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने की मांग के लिए दिल्ली असेंबली में प्रस्ताव लाया गया. मुझे अपने भाषण में इसका समर्थन करने को कहा गया, जो मुझे मंजूर नहीं था. इसलिए मैं सदन से वॉकआउट कर गई. अब इसकी जो सजा मिलेगी मैं उसके लिए तैयार हूं.
सोनिया गांधी मेरी मेंटर रही हैं और मैं उनके बारे में बुरा नहीं बोल सकती. यह बात अरविंद को भी पता है. पार्टी को अब मुझे सजा देनी है दे सकती है. लेकिन मैं राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने का समर्थन नहीं कर सकती.क्विंट हिंदी से बातचीत में अलका लांबा का बयान
आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, ये मूल प्रस्ताव का हिस्सा नहीं था
हालांकि इस बीच. आप के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री के बारे में जो लाइनें हैं वे सदन में पेश किए गए मूल प्रस्ताव का हिस्सा नहीं थी और एक सदस्य ने उस पर हाथ से लिखकर इन्हें शामिल किया था. भारद्वाज ने कहा कि इस तरीके से प्रस्ताव पास नहीं किया जा सकता. हालांकि, बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने दावा किया है कि राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लिए जाने का प्रस्ताव विधानसभा में पास हो चुका है और अब यह सदन की कार्यवाही का हिस्सा बन चुका है.
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