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कंधार विमान हाइजैक मामले में ISI का सीधा हाथ था: अजित डोभाल

कंधार विमान हाइजैक मामले के 18 साल बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल का बड़ा खुलासा 

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साल 1999 के कंधार विमान हाइजैक मामले की याद आज भी देशवासियों के जहन में जरूर होगी. अब इस घटना से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने खुलासा किया है कि 1999 में इंडियन एयरलाइंस विमान के हाइजैकर्स को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का पूरा समर्थन मिला हुआ था.

किताब में किया खुलासा

डोभाल ने ये खुलासा मायरा मैकडॉनल्‍ड की किताब 'डिफीट इज ऐन ऑर्फन: हाऊ पाकिस्‍तान लॉस्‍ट द ग्रेट साउथ एशियन वॉर' में किया है.

न्‍यूज एजेंसी रॉयटर्स की पूर्व इंडिया ब्‍यूरो चीफ मायरा मैकडॉनल्‍ड की इस किताब में अजित डोभाल ने अपने कमेंट दिए हैं. डोभाल के मुताबिक, आईएसआई के समर्थन की वजह से ही बंधक संकट काफी लंबे वक्‍त तक खिंचा था.

किताब में डोभाल ने बताया कि अगर तालिबानी हाइजैकर्स को आईएसआई का समर्थन नहीं होता, तो भारत ने इस संकट का समाधान बहुत जल्द कर लिया होता.

विमान के पास आईएसआई के दो लोग खड़े थे. जल्‍द ही कई और लोग वहां आ गए. उनमें से एक लेफ्टिनेंट कर्नल और दूसरा मेजर था. उन्‍होंने पाक में काम करते हुए कई साल बिताए थे. चीजें तब और खराब हो गईं, जब भारतीय अधिकारियों को मालूम हुआ कि हाइजैकर्स सीधे आईएसआई अधिकारियों से बात कर रहे थे. वहां पर जो कुछ भी हो रहा था, उसके बारे में हमें जानकारी मिल रही थी.
अजित डोभाल, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार

क्या था कंधार विमान हाइजैक मामला?

1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 को कुछ आतंकवादियों ने हाइजैक कर लिया था. फ्लाइट काठमांडू से दिल्‍ली के लिए रवाना हुई थी.

हाइजैक करने के बाद इसे अफगानिस्‍तान के कंधार ले जाया गया. यह बंधक संकट तब खत्‍म हुआ था, जब भारत ने तीन आतंकवादियों मसूद अजहर, अहमद उमर सईद शेख और मुस्‍ताक जरगर को रिहा किया था. इस संकट को खत्‍म करने और बंधकों को छुड़ाने के लिए बातचीत करने वालों में डोभाल भी शामिल थे.

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