ADVERTISEMENTREMOVE AD

बैंककर्मी देंगे धरना, कहा- कैश नहीं है, तो लेन-देन पर रोक लगाए RBI

बैंक और एटीएम की कतारों में खड़े आम लोगों के साथ अब बैंक कर्मचारियों का गुस्सा भी फूटने लगा है.

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
प्रधानमंत्री ने कहा था कि 48 घंटे के अंदर एटीएम में पैसा आ जाएगा, लेकन 42 दिन बाद भी एटीएम खाली पड़े हैं. तो पीएम को कहना चाहिए था कि उन्हें बैंकिंग सिस्टम या देश के बारे में नहीं पता. या तो मोदी गलत हैं या एटीएम मशीनें गलत हैं.
सीएच वेंकटचलम, महासचिव, AIBEA

क्विंट हिंदी से बात करते हुए ये आग उगलते आरोप लगाए हैं ऑल इंडिया बैंकिंग एम्पलॉयज एसोसिएशन (AIBEA) के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने.

नोटबंदी के बाद भारतीय रिजर्व बैंक के इंतजामों से नाराज देश की सबसे पुरानी बैंक यूनियन AIBEA ने लाखों कर्मचारियों को साथ धरने और विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है. इस विरोध में ऑल इंडिया बैंकिंग ऑफिसर्स एसोसिएशन (AIBOA) भी AIBEA के साथ है. इन दोनों यूनियन के झंडे तले देश भर के करीब साढ़े पांच लाख कर्मचारी आते हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

वेंकटचलम के मुताबिक

  • 28 दिसंबर को तमाम राज्यों की राजधानियों में विरोध प्रदर्शन होगा.
  • 29 दिसंबर AIBEA के तहत आने वाली तमाम बैंक यूनियन वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखेंगी.
  • 2 जनवरी को विरोध स्वरूप बिल्ले लगाए जाएंगे और
  • 3 जनवरी को धरना प्रदर्शन होगा.

नोटबंदी के बाद लोगों और बैंक कर्मचारियों को हो रही दिक्कतों से वेंकटचलम परेशान हैं. उनका कहना है:

सरकार ने लोगों को एक हफ्ते में 24,000 रुपये देने का वादा किया था. लेकिन बैंक शाखाओं को कैश भेजा नहीं जा रहा. अगर आरबीआई कैश नहीं दे सकता, तो उसे फिलहाल कैश लेन-देन पर पूरी तरह रोक लगा देनी चाहिए.

आयकर विभाग और पुलिस के छापों में हर दिन पकड़े जा रहे करोड़ों रुपये की नई करेंसी पर भी वो सवाल उठाते हैं. वेंकटचलम के मुताबिक, ये एक बड़ा घपला है जिसकी जांच होनी चाहिए.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

हमें शक है कि या तो आरबीआई गुपचुप तरीके से लोगों को पैसा दे रहा है या फिर एटीएम ऑपरेटर. कहीं ने कहीं से तो पैसा निकल रहा है. इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए.

वहीं AIBOA के महासचिव एस नागराजन तमाम समस्याओं की जड़ रिजर्व बैंक को मानते हैं.

क्विंट हिंदी से बात करते हुए उन्होंने कहा:

अगर मेरे सिर में दर्द है ,तो मैं सिरदर्द की गोली लूंगा. लेकिन आरबीआई चाहता है कि मैं सिर ही कटवा लूं.

हालांकि 5000 रुपये से ज्यादा की रकम जमा करने पर किसी भी तरह की पूछताछ पर रिजर्व बैंक ने रोक लगा दी है, लेकिन बैंक कर्मचारियों की चिंता बरकरार है.

अगर मैं किसी के 5000 रुपये से ज्यादा जमा करता हूं, तो उपभोक्ता आयकर विभाग बाद में मुझे पकड़ेगा. वो कहेंगे कि मैंने मिलीभगत से ऐसा किया है.
एस नागराजन, AIBOA के महासचिव

बैंक और एटीएम की कतारों में खड़े आम लोगों के साथ अब बैंक कर्मचारियों का गुस्सा भी फूटने लगा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से 50 दिन की जो मियाद मांगी थी, वो खत्म होने को है. कैश की डिमांड और सप्‍लाई में भारी अंतर है. लेकिन सरकार के पास समाधान की जगह सिर्फ आश्वासन है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×