दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण फैलाने वालों से दो दिन में ही 80 लाख का जुर्माना वसूल कर लिया गया है. सेंट्रल प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के क्लीन एयर कैंपेन के तहत दिल्ली-एनसीआर के अलग-अलग स्थानों पर तैनात टीमों ने प्रदूषण फैला रहे लोगों के चालान काटे हैं. एक्सपर्ट के मुताबिक दिल्ली के प्रदूषण से आपके स्वास्थ्य को उतना ही नुकसान पहुंचेगा जितना एक दिन में 15-20 सिगरेट पीने से होता है.
दिल्ली में हवा बिल्कुल जहरीली हो चुकी है और डॉक्टर्स के मुताबिक इससे आम लोगों की सेहत पर बहुत ज्यादा फर्क पड़ रहा है. 2 नवंबर को दिल्ली के 4 इलाकों में हालात बद से बदतर हो गए थे तो वहीं 29 इलाकों में हवा की क्वालिटी "बहुत खराब” रिकॉर्ड की गई.
पिछले तीन सालों से साल के आखिर में दिल्ली गैस चेंबर में तब्दील हो जाती है. इस समस्या को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट में डरावनी तस्वीर सामने आई है. रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2016 में जहरीली हवा ने देश में एक लाख से ज्यादा मासूम बच्चों की जान ले ली. निम्न और मध्यम आय वाले देशों में पांच साल से कम उम्र के 98 फीसदी बच्चे प्रदूषण से प्रभावित हुए.
WHO की रिपोर्ट की मानें तो दुनियाभर में प्रदूषित हवा के चलते साल 2016 में 15 साल से कम उम्र के करीब छह लाख बच्चों को अपनी जान गंवानी पड़ी.
प्रदूषण फैलाने वाले 40 लाख वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द
दिल्ली सरकार ने बीते गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी कि परिवहन विभाग ने राजधानी में रजिस्टर्ड 1.10 करोड़ गाड़ियों में से 40 लाख गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन खत्म कर दिया है. इनमें 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल और 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल गाड़ियां शामिल हैं.
पिछले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की थी कि दिल्ली में इतने ज्यादा पुराने वाहनों के चलने पर पाबंदी लगाने के एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट के 2015 के आदेशों पर अभी तक अमल नहीं किया गया है.
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