देश में होने वाली मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. शाह ने राज्यसभा में कहा सीआरपीसी और आईपीसी में बदलाव के लिए काम किया जा रहा है. केंद्र ने राज्य सरकारों को भी खत लिखा है, कि ऐसे मामलों पर रोक लगाने का काम किया जाए.
शाह ने संसद में प्रश्नकाल के दौरान कहा
इस बारे में सभी राज्यों और केंद्रशासित राज्यों को लेटर लिखकर सुक्षाव मांगे गए हैं. आपराधिक मामलों की जांच से जुड़े विशेषज्ञों और लोक अभियोजकों से इस विषय में सुझाव देने को कहा गया है.
अमित शाह ने कहा कि हमने सीआरपीसी और आईपीसी में बदलाव के लिए एक समिति भी बनाई है. सुझाव आने के बाद हम बदलाव करेंगे. सुप्रीम कोर्ट के सारे निर्देशों का पालन किया जाएगा. शाह ने कि एक समिति का गठन किया गया है, जो आईपीसी और सीआरपीसी में आमूल-चूल बदलाव के लिये विचार कर रही है. सभी पक्षों के सुझाव मिलने के बाद हम कार्रवाई करेंगे और उच्चतम न्यायालय के फैसलों को भी ध्यान में रखा जायेगा.
अक्टूबर में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो ने अपना डेटा जारी किया था. जिसमें लगभग सभी तरह के अपराधों का ब्यौरा दिया गया. लेकिन क्राइम के इन आंकड़ों में लिंचिंग, धर्म के नाम पर हत्या और खाप पंचायतों के फैसले पर दी गई मौत के आंकड़े शामिल नहीं किए गए. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक जब आंकड़े जुटाए जा रहे थे तो लिंचिंग, खाप पंचायत और धार्मिक हत्याएं भी इसमें शामिल थीं. इसे भी एक सब हेड बनाया गया था. लेकिन जब आंकड़े जारी हुए थे इन सभी को लिस्ट से हटा दिया गया.
ये भी पढ़ें- NCRB का डेटा जारी, मॉब लिंचिंग-धार्मिक हत्याओं जैसे मामले गायब
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)