पंजाब पुलिस ने शनिवार को अलगाववादी समूह 'वारिस पंजाब दे' के सदस्यों के खिलाफ राज्य में बड़े पैमाने पर करवाई शुरू की. पुलिस ने एक विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी है कि उसने अब तक 78 लोगों को गिरफ्तार किया है लेकिन 'वारिस पंजाब दे' का प्रमुख अमृतपाल सिंह अभी भी उसकी गिरफ्त से बाहर है. पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए व्यापक तलाश अभियान शुरू किया है. हालांकि इससे पहले पंजाब पुलिस के सूत्रों ने द क्विंट को बताया था कि उन्होंने अमृतपाल सिंह को हिरासत में ले लिया है.
पंजाब पुलिस ने क्या दावा किया है?
पंजाब पुलिस ने कहा है कि "राज्यव्यापी अभियान के दौरान अब तक एक .315 बोर राइफल, 12 बोर की सात राइफल, एक रिवॉल्वर और विभिन्न कैलिबर के 373 जिंदा कारतूस सहित नौ हथियार बरामद किए गए हैं. 'वारिस पंजाब दे' के सदस्य वर्गों के बीच वैमनस्य फैलाने, हत्या के प्रयास, पुलिस कर्मियों पर हमले और सरकारी कर्मियों को अपना काम करने में बाधा उत्पन्न करने से संबंधित चार आपराधिक मामलों में शामिल हैं. अजनाला थाने पर हमले के मामले में भी प्राथमिकी दर्ज की गयी है."
ज्यादा जानकारी देते हुए पंजाब पुलिस के आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि शनिवार दोपहर वारिस पंजाब दे की कई गतिविधियों को नोट किया गया. जिसके बाद पुलिस ने जालंधर जिले के शाहकोट-मलसियान रोड पर मौके से सात लोगों को गिरफ्तार किया.
उन्होंने कहा, "अमृतपाल सिंह सहित कई अन्य फरार हैं और उन्हें पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया गया है."
अफवाहों पर ध्यान न देने - पंजाब पुलिस
पंजाब पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि वारिस पंजाब दे के लोग चार आपराधिक मामलों में शामिल हैं जो समुदायों के बीच नफरत फैलाने, हत्या का प्रयास करने, पुलिस कर्मियों पर हमला करने और लोक सेवकों के कर्तव्यों के वैध निर्वहन में बाधा उत्पन्न करने से संबंधित हैं.
उन्होंने कहा, "मामला एफआईआर संख्या 39 दिनांक 24 फरवरी, 2023, अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमले के लिए डब्ल्यूपीडी (WPD) तत्वों के खिलाफ दर्ज है."
उन्होंने कहा कि आपराधिक अपराधों में शामिल सभी व्यक्तियों से कानून के अनुसार निपटा जाएगा और पुलिस द्वारा वांछित सभी व्यक्तियों को कानून की प्रक्रिया के लिए खुद को पेश करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कानूनी रक्षा के उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की जाएगी.
इस दौरान पुलिस ने सभी नागरिकों से फेक न्यूज और अफवाहों पर ध्यान न देने का अनुरोध किया है.
पंजाब में अगले आदेश तक इंटरनेट भी बैन कर दिया गया है. पंजाब के गृह मामलों और न्याय विभाग ने कहा, पंजाब के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में सभी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं, सभी एसएमएस सेवाएं (बैंकिंग और मोबाइल रिचार्ज को छोड़कर) और वॉयस कॉल को छोड़कर मोबाइल नेटवर्क पर प्रदान की जाने वाली सभी डोंगल सेवाएं 18 मार्च (12:00 घंटे) से 19 मार्च तक निलंबित रहेंगी, (12:00 घंटे) सार्वजनिक सुरक्षा के हित में."
केंद्रीय गृह मंत्रालय रख रहा नजर
इस महीने की शुरुआत में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और उनके साथ सीमावर्ती राज्य में मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा की थी.
केंद्र ने सुरक्षा ग्रिड को मजबूत करने के लिए सीआरपीएफ और इसकी विशेष दंगा-रोधी इकाई आरएएफ के लगभग 1,900 कर्मियों को भेजा था.
अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय कुछ खालिस्तानी समर्थकों की नए सिरे से गतिविधियों के मद्देनजर पंजाब में स्थिति की "बारीकी से निगरानी" कर रहा है.
उन्होंने कहा कि कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह को ब्रिटेन स्थित खालिस्तानी आतंकवादी अवतार सिंह खांडा का करीबी सहयोगी माना जाता है, जो उसके उल्कापिंड वृद्धि के पीछे का व्यक्ति है.
खांडा प्रतिबंधित समूह बब्बर खालसा इंटरनेशनल के नेता परमजीत सिंह पम्मा का भरोसेमंद लेफ्टिनेंट है, जो सिख युवाओं को कट्टरपंथी बनाने में शामिल है. उन्होंने कहा कि तीनों सिख युवाओं को चरमपंथी विचारों के साथ वैचारिक रूप से प्रेरित करके पंजाब को अस्थिर करने का लक्ष्य बना रहे हैं.
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