संसद के शीतसत्र में पांच दिन से कई मुद्दों पर चले आ रहे हंगामे से नाराज लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने मंगलवार को सदस्यों से कहा, 'क्या हम स्कूली बच्चों से भी गए-गुजरे हो गए हैं.'
दरअसल, मंगलवार को सदन की कार्यवाही एक बार स्थगित होने के बाद दोपहर 12 बजे दोबारा शुरू होने पर बीजेपी, कांग्रेस, एआईएडीएमके, टीडीपी के सदस्य अपने-अपने मुद्दों को लेकर शोर-शराबा कर रहे थे.
कांग्रेस, एआईएडीएमके, टीडीपी के सदस्य अध्यक्ष के आसन के पास आकर नारेबाजी कर रहे थे. इस पर सुमित्रा महाजन ने कहा, '‘मैं समझ सकती हूं कि यह लोकसभा का आखिरी पूर्ण सत्र है और आप लोगों के अपने-अपने मुद्दे हैं. संसद चर्चा के लिए है और सरकार चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन शोरगुल सही तरीका नहीं है.’'
सुमित्रा महाजन ने कहा, ''अगर आपके मुद्दे हैं, तो मैं खुद सरकार से कहूंगी कि चर्चा कराई जाए.''
लोकसभा अध्यक्ष ने सदस्यों से कहा, ''विदेश के शिष्टमंडल आते हैं और लोग पूछते हैं कि आपके यहां क्या हो रहा है. स्कूली बच्चों के संदेश आ रहे हैं कि हमारे स्कूल बेहतर चलते हैं. क्या अब हम स्कूली बच्चों से भी गए-गुजरे हो गए हैं?''
कांग्रेस कर रही थी राफेल मामले में जेपीसी की मांग
राफेल मामले पर कांग्रेस की जेपीसी बनाने की मांग पर सुमित्रा महाजन ने कहा, '‘जेपीसी मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है.’'
इस बीच सदन में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राफेल मामले पर जेपीसी के गठन की मांग दोहराते हुए कहा कि सरकार को यह मांग स्वीकार करनी चाहिए और जेपीसी के सामने सुप्रीम कोर्ट में इस पर CAG रिपोर्ट आनी चाहिए. उन्होंने कहा कि विमान की कीमत और दूसरे दस्तावेजों की जांच भी होनी चाहिए.
चर्चा के लिए तैयार है बीजेपी
संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ‘दूध का दूध, पानी का पानी' हो गया है. सरकार राफेल मामले पर चर्चा के लिए तैयार है.
सदन में पिछले पांच कामकाजी दिनों में राफेल मामले, आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग और तमिलनाडु में कावेरी डेल्टा के किसानों के मुद्दों को लेकर हंगामा हुआ है. इस वजह से कार्यवाही लगातार बाधित रही है.
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